Gayatri Mantra: जीवन में चाहते हैं सुख-समृद्धि तो करें गायत्री मंत्र का जाप
Gayatri Mantra: गायत्री मंत्र को सबसे प्राचीन वैदिक मंत्रों में से एक माना जाता है। इसका उल्लेख सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋगवेद में भी मिलता है। यह मंत्र सूर्य देव के 12 रुपों में सवित्र देव की आराधना का प्रमुख मंत्र है। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति की आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
सूर्य देव का संबंध आत्मा और पिता से माना गया है। पुत्र पिता की आत्मा का अंश होता है। इस मंत्र के जप से पितरों की तृप्ति प्राप्त होती है। इन महत्वपूर्ण कारणों से इस मंत्र को धर्मशास्त्रों में विशेष स्थान प्राप्त है।
इस मंत्र का पाठ हर सफलता के लिए सिद्ध माना गया है। गायत्री मंत्र के पाठ से साधक को मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) हिन्दू धर्म में एक प्रमुख मंत्र है जो वेद में प्रतिष्ठित है। कहा जाता है कि यदि इस मंत्र का पाठ शुद्ध और सही विधि करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही रोग, दोष, शत्रु और जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
गायत्री मंत्र (gayatri mantra in hindi)
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
आइए अब, मां गायत्री मंत्र के फायदे और पाठ विधि को जानते हैं।
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गायत्री मंत्र के फायदे (gayatri mantra benefits)
- गायत्री मंत्र का जाप ध्यान में स्थिरता और चित्त को शुद्ध करने का काम करता है।
- यह मन को शांत करता है।
- गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति की बुद्धि को स्पष्ट करने में सहायक होता है और उसे ज्ञान और समझ की दृष्टि से दुरूस्त करता है।
- इस मंत्र के ध्यान और जाप से अंतर्मन को शक्ति, धैर्य और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
- गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का नियमित जाप व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रोगों से बचाता है।
- इस मंत्र के जप से व्यक्ति के व्यवसाय, करियर और व्यवहारिक जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
- गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति के सामाजिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है और उसे नेतृत्व की भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है।
- इस मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति की अंतरात्मा को प्रगति की दिशा में प्रेरित करता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति की ओर ले जाता है।
गायत्री मंत्र जाप विधि (Gayatri Mantra Jaap Vidhi)
गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का जाप नियमित रूप से किया जाना चाहिए। यह मंत्र स्वयं में शक्ति प्राप्त करने के साथ-साथ विश्व के लिए भी कल्याणकारी होता है।
गायत्री मंत्र का जाप यदि तीन समय किया जाए तो अधिक फलदायक होता है। किन्तु ध्यान रहे कि इसको कभी ऊंची आवाज में नहीं जाप करना चाहिए।
गायत्री मंत्र हमेशा मौन रहकर ही जाप करें। इसके लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग बेहतर होगा। यह मंत्र बहुत चमत्कारी है। इसे सूर्योदय से थोड़ा पहले से सूर्योदय के बाद तक करें तो शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
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