कहानी शुरू होती है, समुद्र मंथन की कथा से। कहते हैं, जब देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया, तो अमृत कलश निकला। उस अमृत को पाने के लिए छल से राहु नाम का दानव देवताओं के बीच में घुस गया और थोड़ा सा अमृत पी गया। भगवान विष्णु को ये भेद समझते देर न लगी और उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन, चूंकि राहु ने अमृत का सेवन कर लिया था, इसलिए वह अमर हो चुका था। उसकाऔर पढ़ें