Lohri 2024: लोहड़ी पर्व आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

लोहड़ी पर्व (Lohri) को उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य देवता और अग्नि की पूजा की जाती है।

Lohri 2024: उत्तर भारत में लोहड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। त्योहार अपने साथ नई उमीदें और उमंग लेकर आता है। लोहड़ी के पर्व को मुख्य रूप से नई फसल आने की खुशी में मनाया जाता है। 

लोहड़ी (Lohri) का पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस वर्ष यह पर्व 14 जनवरी को पड़ रहा है।

आपको बता दें, इस पर्व को सिख समुदाय बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन भगवान सूर्य देवता और अग्नि की पूजा की जाती है। 

तो आइए, VAMA के इस ब्लॉग में जानते हैं, इस वर्ष लोहड़ी पर्व कब है? जानें, इस पर्व का महत्व और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष लोहड़ी पर्व कब है (lohri 2024)

इस वर्ष लोहड़ी का त्योहार 14 जनवरी, 2024 को पड़ रहा है। इस दिन प्रदोष काल लोहड़ी का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। 

lohri puja vidhi

लोहड़ी पूजा विधि (lohri puja vidhi)

  • लोहड़ी के दिन घर में पश्चिम दिशा में आग जला लें या आदिशक्ति की प्रतिमा स्थापित कर लें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। 
  • इसके बाद प्रतिमा पर सिंदूर और बेलपत्र चढ़ाएं। 
  • भोग में प्रभु को तिल के लड्डू, मूंगफली, रेवड़ी आदि चढ़ाएं। 
  • इसके बाद सूखा नारियल लेकर उसमें कपूर डालें। 
  • अग्नि में तिल का लड्डू, मक्‍का और मूंगफली अर्पित करें फिर इसकी 7 या 11 बार परिक्रमा करें।

लोहड़ी पर्व का महत्व (lohri ka mahatva)

लोहड़ी का पर्व फसलों से जुड़ा है जो हर साल जनवरी महीने में मनाया जाता है। इस दौरान खेतों में गेहूं और सरसों की फसल लहलहाती नजर आती है। जिसे देखकर किसान खुश होते हैं, इसके उपलक्ष्य में लोग आग जलाकर इसकी परिक्रमा करते हैं और खुशियां मनाते हैं और सभी एक-दूसरे को लहड़ी की बधाइयां देते हैं। साथ ही अग्निदेव को मूंगफली, गुड़, चिक्की और गेंहू की बालियां अर्पितकर प्रार्थना करते हैं इसी तरह अगले वर्ष भी अच्छी फसल हो। 

मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य देव और अग्निदेवता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ फसल अच्छी होती है और धन संबंधी समस्याओं का छुटकारा होता है। 

लोहड़ी से जुड़ी मान्यताएं 

मान्यता है कि इस दिन विवाहित महिलाओं के मायके से नए कपड़े, फल-मिठाई आदि चीजें भेजे जाने का रिवाज़ है। 

लोहड़ी के पर्व में तरह-तरह के व्यंजन बनाएं जाते हैं सिर्फ इतना ही नहीं शाम के वक्त नए और पारंपरिक कपड़े पहने जाते हैं। 

जब लोहड़ी की आग लगभग खत्म होने की कगार पर होती है, तब उसमें से कुछ कोयले चुनकर अपने घर में ले जाने की प्रथा है। ऐसा माना जाता है, कि इससे धन और सौभाग्य के साथ समृद्धि भी आपके साथ घर आती है।

मान्यता है कि लोहड़ी के पर्व के माध्यम से नई फसल का भोग सभी देवताओं तक पहुंच जाता है। 

ये तो थी, लोहड़ी 2024( और इससे जुड़ी मान्यताएं। ऐसे ही व्रत त्योहार और शुभ मुहूर्त जानने के लिए VAMA ऐप डाउनलोड करें।