Kal Bhairav Mantra: काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का पाठ

यदि आप नियमित रूप से काल भैरव के मंत्र (bhairav mantra) का जाप करते हैं तो आपको ज्ञात-अज्ञात शत्रु, ऊपरी बाधा से मुक्ति मिलती है।

Kal Bhairav Mantra: भैरव का अर्थ है- भयानक या भयावह। काल भैरव भगवान शिव का भयानक अवतार हैं। किन्तु जो सच्ची श्रद्धा से उनकी शरण में आता है, वह प्रसन्न भी बहुत ही जल्दी होते हैं। उनके प्रभावी मंत्रों का नियमित जाप काल भैरव की असीम कृपा दिलाता है।

यदि आप नियमित रूप से काल भैरव के मंत्र (bhairav mantra) का जाप करते हैं तो आपको ज्ञात-अज्ञात शत्रु, अर्थिक संकट के अलावा मोह, लालच, ऊपरी बाधा से मुक्ति मिलती है। साथ ही अगर सच्ची लगन होती है, उन्हें काल भैरव महाराज दर्शन भी दे देते हैं।

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हर शिव और मां शक्ति के मंदिर में काल भैरव महाराज की स्थापना अवश्य होती है। भगवान काल भैरव काशी के स्वामी हैं। उन्हें पंच भूतों (अग्नि, वायु, पृथ्वी, आकाश और जल) के स्वामी के रूप में भी पूजा जाता है। काल भैरव भगवान को पूजने वाले ध्यान का आनंद लेते हैं।

तो आइए यहां, भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के मंत्र (bhairav mantra) और उनकी विधि और मंत्रों के लाभ को जानते हैं।

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काल भैरव बीज मंत्र  | Kaal Bhairav beej Mantra 

“ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं” ||

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों ह्रीं ह्रों क्षं क्षेत्रपालाय कालभैरवाय नमः ll

काल भैरव मंत्र पाठ की विधि

यह बीज मंत्र कोई भी व्यक्ति कर सकता है। सुबह स्नानादि करने के पश्चात उत्तर दिशा की ओर मुख करके 11 माला का जाप करना चाहिए।

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काल भैरव बीज मंत्र के जाप के लाभ (Benefits Kaal Bhairav Beej mantra in hindi)

  • यह मंत्र रहस्यमय या नकारात्मक गतिविधियों के बुरे परिणामों को कम करता है।
  • मंत्र भक्त की सिद्धि के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करता है।
  • यह व्यक्ति को सभी बीमारियों और विकारों से मुक्त करता है।
  • मंत्र आपको लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद को जीतने में मदद करता है।
  • मंत्र निर्धनता को दूर करता है और भक्त के जीवन में धन और सफलता को आकर्षित करता है।

काल भैरव गायत्री मंत्र (kaal bhairav gayatri mantra)

ॐ कालाकालाय विद्महे,

कालातीताय धीमहि,

तन्नो काल भैरव प्रचोदयात् ||

विधि: यह मंत्र सुबह या शाम किसी भी समय किया जा सकता है। उत्तर दिशा की ओर मुख करके यह जाप 108 बार करना चाहिए।

काल भैरव गायत्री मंत्र के जाप के लाभ (Benefits Kaal Bhairav Gayatri mantra in hindi)

  • यह मंत्र जातक के दोषों के कारण होने वाले बुरे परिणामों से बचाता है।
  • मंत्र व्यक्ति के मानस से किसी भी बुरे विचार और ऊर्जा को दूर करने में सहायता करता है।
  • यह मुद्दों, विरोधियों, दु:ख, पीड़ा और विषाक्त संबंधों को बेहतर करने में मदद करता है।
  • इस मंत्र के माध्यम से जातक को भगवान शिव और काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • यह मंत्र व्यक्ति की आयु बढ़ाने और स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है।

काल भैरव अष्टकम (Kaal Bhairav Ashtakam)

देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं

व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्

नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ 1॥

अर्थ – काशी के श्रेष्ठ शासक भगवान काल भैरव को नमन करता हूं, जिनके पास एक लाखों लाख सूर्य हैं, जो उपासकों को पुनर्जन्म के पाप से बचाते हैं, और जो विजयी हैं; जिनके पास नीली गर्दन है, जो हमारी जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करते हैं और जिनके पास तीन नेत्र हैं; जो स्वयं मृत्युपर्यंत हैं और जिनकी आंखें कमल के समान सुंदर हैं; जिन्होंने त्रिशूल और रुद्राक्ष धारण किया हुआ है और जो अमर हैं। उस देव की मैं आराधना करता हूं।

काल भैरव अष्टकम पाठ विधि

इस मंत्र से फल प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप सुबह या शाम कम से कम एक बार तो अवश्य ही करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करते समय भी जातक का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं

नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।

कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥2॥

अर्थ – काशी के श्रेष्ठ शासक भगवान कालभैरव को नमन करता हूं, जिनके पास एक लाखों लाख सूर्य हैं, जो उपासकों को पुनर्जन्म के पाश से बचाते हैं और जो विजयी हैं। जिनके पास नीली गर्दन है, जो हमारी जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करते हैं और जिनके पास तीन नेत्र हैं; जो स्वयं मृत्युपर्यंत हैं और जिनकी आंखें कमल के समान सुंदर हैं। जिन्होंने त्रिशूल और रुद्राक्ष धारण किया हुआ है और जो अमर हैं। उस देव की मैं आराधना करता हूं।

शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं

श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।

भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥3॥

अर्थ – काशी के परम स्वामी भगवान कालभैरव को नमन, जिन्हाेंने अपने हाथ में शूल, टंक, पाश और दंड धारण किया हुआ है; जिसका शरीर श्यामवर्ण है, जो आदिम भगवान हैं, जो अजेय हैं, और दुनिया के रोगों से मुक्त हैं; जो बहुत शक्तिशाली हैं और जो सुंदर तांडव नृत्य का आनंद लेते हैं।

भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं

भक्तवत्सलं स्थिरं समस्तलोकविग्रहम् ।

विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥4॥

अर्थ- काशी के श्रेष्ठ शासक भगवान कालभैरव को नमन, जो आकांक्षाओं और आध्यात्मिकता दोनों को प्रदान करते हैं, जिनका शानदार रूप है; जो अपने भक्तों की देखभाल करते हैं; जितनी कमर में सुंदर करधनी रुनझुन करती हुई सुशोभित है, जिसमें घंटियाँ होती हैं और जो चलने पर एक सुरीली आवाज करती है।

धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं

कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम् ।

स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥5॥

अर्थ – काशी के श्रेष्ठ शासक भगवान कालभैरव, जो धर्म की जीत का आश्वासन देते हैं, जो अधर्म के मार्ग को नष्ट करते हैं, जो हमें कर्म की जंजीरों से मुक्त करते हैं और जो सुनहरे रंग के सर्पों से घिरे हैं। मैं उन्हें नमन करता हूं।

रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं

नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् ।

मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥6॥

अर्थ – काशी के सबसे महान शासक भगवान कालभैरव की मैं आराधना करता हूं, जिनके पैर हीरे से सजाए गए दो सुनहरे पादुका से अलंकृत हैं। जो कालातीत हैं, ईश्वर जो हमारी इच्छाओं को पूरा करते हैं; जो यम के अभिमान को दूर करते हैं; जिनके भयानक नुकीले दांत हमें मुक्ति प्रदान करते हैं।

अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं

दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।

अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥7॥

अर्थ- काशी के श्रेष्ठ शासक भगवान कालभैरव को नमस्कार, जिनकी शक्तिशाली दहाड़ कमल में जन्मे ब्रह्मा के आविष्कारों के आवरण (यानी हमारे मानसिक भ्रम) को समाप्त कर देती है; जिनकी एक दृष्टि हमारे सारे पापों को दूर कर देती है; जो आठ सिद्धियों (उपलब्धियों) को प्रदान करते हैं और जो कपालमाला (खोपड़ी की माला) पहनते हैं।

भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं

काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ।

नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥8॥

अर्थ – काशी के श्रेष्ठ शासक भगवान कालभैरव को नमस्कार, जो आत्माओं और भूतों के नायक हैं, जो सम्मान प्रदान करते हैं। जो काशीवासियों को उनके अनैतिक और अधर्म के कामों से मुक्त करते हैं; जो हमें सदाचार के मार्ग पर ले जाते हैं, जो ब्रह्मांड के सबसे शाश्वत स्वामी हैं।

कालभैरवाष्टकं पठंति ये मनोहरं

ज्ञानमुक्तिसाधकं विचित्रपुण्यवर्धनम् ।

शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं

ते प्रयान्ति कालभैरवांघ्रिसन्निधिं नरा ध्रुवम् ॥9॥

अर्थ – जो लोग ज्ञान, और स्वतंत्रता प्राप्त करने हेतु, कई प्रकार की धार्मिकता को बढ़ाते हैं और दुख, मोह, अभाव, स्वार्थ, घृणा आदि को नाश करने हेतु हैं कालभैरव अष्टकम के इन आठ श्लोकों को पढ़ते हैं, वे निश्चित रूप से मृत्यु के बाद कालभैरव के चरण यानी भगवान तक पहुंचेंगे। मैं काशी के महानतम स्वामी भगवान काल भैरव को नमन करता हूं।

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काल भैरव अष्टकमी के जाप के लाभ (Benefits of chanting the Kaal Bhairav Ashtakam in hindi)

  • काल भैरव अष्टकम लोगों को धार्मिकता के मार्ग पर चलने का निर्देश देता है।
  • यह हमें हमारे पापों और बुरे कर्मों के परिणामों से मुक्त करता है।
  • यह राहु, केतु और शनि दोषों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायता करता है।
  • यह हमें काले जादू के प्रभाव पर काबू पाने में मदद करता है।
  • यह हमारे जीवन में दीर्घकालिक समस्याओं और दुखों से राहत प्रदान करता है।
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