Tantra Badha Dosh: तंत्र बाधा दोष क्या है? जानें लक्षण और निवारण मंत्र

Tantra Badha Nivaran: बनते काम रुक जाना, कर्ज का बढ़ना, पैसे की कमी, सन्तान सुख ना मिलना इनका कारण हो सकता है तंत्र, जान लें लक्षण और निवारण

Tantra Badha Dosh: अगर आपकी जिंदगी भी चलते-चलते रुक सी गई है, आपके बनते काम बिगड़ने लगे हैं, रिश्तो में खटास आने लगी है, युवा नौकरी की तलाश में हैं, परन्तु नौकरी नहीं लग रही, बीमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही, इन सबका कारण तंत्र बाधा हो सकती है।

तंत्र बाधा एक ऐसी समस्या जो खुली आंखों से दिखाई नहीं देती, परंतु जब इंसान इसका शिकार होता है तो जीवन में ऐसी समस्याएं उभर कर आती हैं, जिनका समाधान वो स्वयं नहीं खोज पता और जीवन से निराश होने लगता है।

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कभी-कभी इंसान जीवन में उन्नति के लिए शॉर्टकट अपना लेता है, परंतु वह शॉर्टकट कभी-कभी लॉन्ग कट में बदल जाता है । ऐसी गलती वह लोग करते हैं जो जल्दी तरक्की करना चाहते हैं और उस तरक्की की चाह में अपना भला करके दूसरे का बुरा कर बैठते हैं।

दूसरे की उन्नति को देखकर जलने वाले ,जो लोग उनकी बराबरी नहीं कर सकते वह लोग तंत्र का सहारा लेकर दूसरों के रास्ते बंद करने की सोच रखते हैं, उन लोगों के किए काम ज्यादा दिन टिकते नहीं। जल्द ही इसके दुष्परिणाम उनके सामने भी आने लगते हैं।

तो चलिए जानते हैं, तंत्र बाधा लक्षण और निवारण के उपाय

तंत्र बाधा के लक्षण (Tantra Badha Dosh) 

तंत्र बाधा किसी ना किसी रूप में अपना प्रभाव दिखाती है। साधारण रूप से उसके लक्षण ना जान पाने के कारण सब उसके प्रभाव से फसे रहते हैं। तंत्र बाधा के लक्षण जान कर आप उसका निवारण कर सकते हैं। जानिए तंत्र बाधा के लक्षण…

  • कुछ युवा योग्य होते हुए भी नौकरी नहीं कर पा रहे या उन्हें अच्छी नौकरी नही मिल पाती। अगर आपके जीवन में भी ऐसा हो रहा है, तो यह तंत्र बाधा का एक लक्षण है।
  • जिन दंपत्तियों की विचारधारा अच्छी है, सोच अच्छी है, परंतु फिर भी आपसी कलह दूर नहीं हो रहा। छोटी-छोटी बातों पर पति-पत्नी में विवाद हो जाता है। दोनों चाहते हैं कि क्लेश ना हो परंतु ना चाहते हुए भी दोनों में कलेश हो रहा है। इसके पीछे तंत्र बाधा कारण हो सकती है। 
  • आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं परंतु संतान नहीं हो पा रही। गर्भधारण होता है परंतु बार-बार गर्भ का गिरना, संतान पैदा होना, होकर जिंदा ना रहना। इसके पीछे भी तंत्र बाधा बड़े कारण के रूप में सामने आती है। 
  • आप लोगों को अपना बनाना चाहते हैं, परंतु लोग अपना काम निकाल कर आपसे दूर हो जाते हैं। आपसे जुड़ना नहीं चाहते, आपका प्रभाव कम होने लगता है। इसके पीछे भी तंत्र बाधा कारण हो सकती है। 
  • आपका व्यापार अच्छा चल रहा था, ना जाने क्यों अचानक से काम कम होने लगा है, मजदूर टिकते नहीं है, कर्ज बढ़ने लगा है, मन में तनाव रहने लगा है। इसका कारण भी तंत्र बाधा हो सकती है। 

तंत्र बाधा कैसे होती है 

कभी-कभी देखा जाता है लोग अपना अच्छा करने के साथ दूसरों का बुरा कर बैठते हैं। अपनी बाधा उतारने के लिए चौक-चौराहे में कुछ ऐसी प्रक्रिया कर बैठते हैं, जिस से उनका तो अच्छा हो जाता है परंतु जिस व्यक्ति का अचानक उस चौक-चौराहे में पैर आ जाता है, उसका बुरा होना शुरू हो जाता है। क्योंकि करने वाले की बुराई उतर कर उस अनजान व्यक्ति पर चली जाती है।

स्वभाविक रूप से ऐसा किसी विचार से नहीं किया गया परंतु अनजाने में किसी दूसरे का बुरा हो जाता है। यह एक ऐसा संयोग है जिसके कारण लोग कहते हैं की हमारा कोई शत्रु नहीं परंतु फिर हम पर तंत्र बाधा कैसे हुई। इसके अलावा जो लोग शत्रुता और ईर्ष्या की भावना में दूसरे पर तंत्र का प्रयोग करते हैं। वह प्रक्रिया निश्चित रूप से अपना प्रभाव दिखाती है। इस तरह तंत्र का प्रभाव आपके जीवन में अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है। 

कैसे जाने घर में तंत्र बाधा है या नहीं?

  • आप अपने घर के सभी कॉर्नर में कांच के गिलास में पानी भर कर उसमें थोड़ा नमक मिला दें। एक रात रखा रहने दे यदि पानी का रंग बदल जाता है तो निश्चित ही आपके घर में तंत्र बाधा हुई है।
  • यदि घर में आते ही आपको सीलन जैसी दुर्गंध महसूस हो या घर में कोई छाया या परछाई दिखाई दे। तो निश्चित रूप से आपके घर में किसी प्रकार का तंत्र दोष है। 
  • यदि घर में आने वाले अन्य व्यक्तियों को घर में आते ही छींक आती हैं तो समझ जाइए आपके घर में किसी प्रकार के तंत्र का प्रभाव हो चुका है। 
  • यदि आपके घर के सामने रोजाना कुत्ते रोने की आवाज करते हैं। या बिल्ली की रोने की आवाज घर में होती है। तो आप समझ जाइए कि आपके घर में तंत्र की बाधा है।

यदि आप पर तंत्र बाधा है तो महादेव आपकी सभी बाधाओं का शमन कर सकते हैं। महादेव एक ऐसे देव हैं जो भूत-प्रेत के स्वामी है। 

महादेव का एक रूप कालभैरव के रूप में भी जाना जाता है। काल भैरव की पूजा करने से जीवन की सभी तंत्र बाधाओं से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

अगर आप भी तंत्र बाधा से पीड़ित हैं तो VAMA द्वारा आयोजित कालाष्टमी विशेष तंत्र बाधा मुक्ति भैरव महाकवच यज्ञ में भाग ले सकते हैं, जिस से आपको तंत्र बाधा से निश्चित रूप से मुक्ति मिलेगी। 

तंत्र के उपाय (निवारण):  

  • सात शनिवार 108 नींबू की माला महाकाली को अर्पण करें। 
  • भैरव मंदिर में सरसों के तेल का दीपक लगाये और दीपक के सामने काले उड़द की भेंट अर्पण करें।
  • घर के मुख्य द्वार के बाहर सरसों के तेल का दीपक लगाएं। घर में जितने सदस्य हैं उन सभी के नाम से फूल वाली लोंग उसी दीपक के सामने जला कर रख दें। ऐसा करते समय भैरव का ध्यान करें। 
  • सूर्यास्त के बाद भगवान शिव के मंदिर में जाकर तिल के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से तंत्र बाधा शांत होती है। शिव की कृपा प्राप्त होती है। 
  • सुबह और शाम घर में सुंदरकांड का पाठ निश्चित रूप से करें। ऐसा करने से तंत्र बाधा से आराम मिलता है। 
  • घर में शिव के भक्त आचार्य को बुलाकर बेलगिरी से यज्ञ करवाए। ऐसा करने से तंत्र बाधा निश्चित रूप से समाप्त हो जाती है। 
  • सवा मीटर काले कपड़े में काले तिल, गेहूं, लोंग, बताशे, सरसों का तेल, काली कील और सूखा नारियल बांधकर घर के सभी कोर्नर में स्पर्श करवा कर घर से बाहर निकलें और जल में प्रवाहित करे। इस प्रक्रिया के समय पीछे मुड़ कर ना देखें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

तंत्र बाधा दोष के उपाय मंत्र

जीवन से तंत्र बाधा को दूर करने के लिए माता दुर्गा का सर्व बाधा मुक्ति मंत्र बहुत फायदेमंद है. इस मंत्र को किसी भी शुक्रवार से शुरू करें और 7 शुक्रवार तक लगातार करें. सुबह स्नान के बाद माता का स्मरण करते हुए , 21 बार इस मंत्र का जाप करें और हाथ जोड़ कर कहें ,हे माता मेरे कष्टों का निवारण कीजिए. यह मंत्र इस प्रकार है.

सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धन धान्य: सुतान्वित:|

मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यती न संशय:||

विशेष:-

डिस्क्लेमर: VAMA किसी भी उपाय की ज़िमेदारी नहीं लेता है, किसी विद्वान पंडित से बात कर के अपनी समस्या के अनुसार, उनकी देख रेख में ही उपाय करें। 

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