Shani ki sade sati ke upay: शनि की साढ़े साती और ढैय्या से हैं परेशान, तो करें ये उपाय…
Shani ki sade sati ke upay: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय का देवता माना गया है, शनि कर्मों के अनुसार फल देने वाले ग्रह हैं, शनि के प्रभाव से ही जीवन में अच्छे और बुरे समय का अनुभव देखने को मिलता है।
जन्म कुंडली में ग्रहों के योग पूर्व जन्म में किए गए कर्मों के आधार पर बनते हैं। कुंडली इस जन्म में अच्छे और बुरे समय की शुरुआत का समय दिखाती है। जिस से मनुष्य अपने कर्मों में परिवर्तन कर के बुरे प्रभाव से बच सकता है।
आकाश मंडल में सभी ग्रहों का गोचर नियमित रूप से होता है। इसी गोचर के प्रभाव से हमे शुभ और अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। अधिकतर ग्रहों का गोचर 1 साल में राशि बदल लेता है। जिनके प्रभाव से अधिक समय तक सुख और दुःख नही देखा जाता।
शनि का गोचर एक राशि में ढाई साल का होता है। इस लिए शनि का गोचर विशेष सुख और दुखों की अनुभूति करवाता है। शनि को न्याय का देवता माना गया है इस लिए कलयुग में इनका प्रभाव विशेष देखा जाता है।
शनि के गोचर से ही अलग अलग राशियों को साढ़े साती और ढैय्या का समय प्राप्त होता है। इस से शनि का विशेष फल राशि के अनुसार मिलता है। अगर ये समय अशुभ फल दे रहा है, तो कैसे करें शनि को शान्त जानें, इस ब्लॉग में…
शनि शांति के उपाय (Shani Shanti ke upay)
- शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैय्या के समय में अगर आपको क्रूर फल प्राप्त हो रहा है तो लोहे के पात्र में सरसों का तेल लेकर उसमे अपनी छाया देख कर शनि का दान लेने वाले पंडित को दान करें।
- हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक लगाएं, और जाने अनजाने में किए हुए अपराधों की क्षमा प्रार्थना करें।
- किसी भी अच्छे मुहूर्त वाले दिन अगर शनिवार हो तो भगवान शनि देव का सरसों के तेल से अभिषेक करें।
- शनि वार के दिन सुबह पहली होरा में काले घोड़े की नाल या नाव की कील या केवल लोहे का छल्ला धारण करें, नीलम रत्न भी धारण कर सकते हैं।
- अगर आपको शनि के कारण धन की कमी हो रही है या पैसा फ़स रहा है तो घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर काले घोड़े की नाल लगा दें।
- शनि ग्रह से पैदा हुई पीड़ा से बचने के लिए, शनिवार के दिन लोहे से बने बर्तन, काले चने, चमड़े के जूते, उड़द की काली साबुत दाल, काला वस्त्र, कंबल, सरसों का तेल, काले तिल आदि का दान करना लाभकारी होता है।
- काली गाय की सेवा करने से शनि से जुड़े कुप्रभाव में कमी आती है।
- शिव मंदिर में तिल के तेल का दीपक जला कर शिव का ध्यान करने से शनि शांति होती है।
- शनिवार के दिन रात्रि में सरसों के तेल का दीपक लगा कर शनि के मन्त्रों का जाप करें।
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