Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि कब? जानें, जल चढ़ाने का समय और विधि…

Sawan Shivratri 2024: शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का मुहूर्त और विधि, जल चढ़ाने में क्या करें और क्या ना करें, रात की पूजा की पूरी जानकारी यहाँ जानें

Sawan Shivratri 2024: ऐसे तो श्रावन का पूरा महीना ही शिव जी को समर्पित है। परन्तु इसके साथ साथ शिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। शिवरात्रि के त्योहार पर लोग कावंड लेकर आते हैं। कांवड़ यात्रा में गंगा जल लाया जाता है। शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में लाए गए गंगा जल से भगवान शिव जी का अभिषेक किया जाता है। 

कावंड़ यात्रा कर के जल लाने वालों के लिए और अन्य लोगों के लिए जल चढ़ाने के लिए अलग-अलग समय में जल चढ़ाने का मुहूर्त होता है। सबके लिए समय का अलग-अलग महत्व होता है। 

आइए VAMA के ज्योतिषाचार्य डॉ देव से जानते हैं शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का समय और अन्य शुभ मुहूर्त…

शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का समय

सावन शिवरात्रि पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 12:06 AM से 12:49 AM03 अगस्त 2024
सावन शिवरात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय07:11 PM से 09:49 PM02 अगस्त 2024
सावन शिवरात्रि रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय09:49 PM से 12:27 AM, अगस्त 02-03 अगस्त 2024
सावन शिवरात्रि रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय12:27 AM से 03:06 AM03 अगस्त 2024
सावन शिवरात्रिरात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय03:06 AM से 05:44 AM03 अगस्त 2024

Kanwad Yatra 2024 Jal Date: (कावंड यात्रा जल डेट 2024)

इस बार शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 के दिन दोपहर 03:26 मिनट पर शुरू हो रही है। इस समय के बाद से किसी भी समय जल चढ़ाया जा सकता है। इस बार शिवरात्रि पर बहुत शुभ योग बने हुए हैं। महादेव की कृपा इस बार अपने भक्तों पर विशेष रूप से बरसेगी।

VAMA द्वारा आयोजित ऑनलाइन पूजा में भाग लें (अपने नाम और गोत्र से पूजा संपन्न कराएं)
पूजा का नाममंदिर (स्थान)
ऋण मुक्ति पूजाऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन)
माता कामाख्या महापूजामाता कामाख्या शक्तिपीठ (गुवाहाटी)
शनि साढे़ सातीशनि शिंगणापुर देवस्थानम,महाराष्ट्र
लक्ष्मी कुबेर महायज्ञ और रुद्राभिषेकजागेश्वर कुबेर मंदिर ,अल्मोड़ा, उत्तराखंड
राहु ग्रह शांति पूजाजरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर ,प्रयागराज

सावन शिवरात्रि पारण समय (Sawan Shivratri 2024 Parana Time)

इस बार श्रावन मास शिव भक्तों के लिए बहुत शुभ है शिवरात्रि का व्रत चतुर्दशी युक्त त्रयोदशी तिथि में किया जाता है,   इस बार चतुर्दशी  2 अगस्त को दोहपर को लग रही है जिसमें  व्रत का परायण चतुर्दशी में किया जाता है।

सावन शिवरात्रि व्रत का पारण 3 अगस्त की सुबह 05 बजकर 44 मिनट से दोपहर 03 बजकर 49 मिनट तक के बीच किया जा सकता है।

जल चढ़ाने में क्या ना करें

शिवरात्रि के पावन पर्व पर भक्त बहुत श्राद्धा से गंगा जल लेकर आते हैं।

 परन्तु जल चढ़ाने में कुछ ऐसी गलती कर बैठते हैं जिस से उन्हें भगवान की कृपा उनको प्राप्त नहीं हो पाती। आप भी जल अर्पण करते समय ऐसी ग़लती ना करें।

  • खड़े हो कर जल ना चढ़ाएं। 
  • जल्दी में जल ना चढ़ाएं। 
  • जल चढ़ाते समय किसी से गुस्सा ना करें या झगड़ा ना करें। 
  • जल चढ़ाते समय जल को झूठा ना करें। 
  • जल चढ़ाते समय ध्यान रखें, पैरों में जल ना गिरे।

शिवरात्रि पर जल कैसे चढ़ाएं

शिवरात्रि पर भक्त बहुत ही भक्ति भाव से कावंड यात्रा कर के गंगा जल लेकर आते हैं। परन्तु जल चढ़ाने की विधि ठीक से ना पता होने के कारण वो महादेव की पूरी कृपा नही प्राप्त कर पाते। आज आपके लिए VAMA लेकर आया है, आपके लिए जल चढ़ाने की पूरी विधि।

  • बैठ कर भगवान जी को जल अर्पण करें।
  • भगवान जी को जल के साथ फूल, धतूरा, दूर्वा, बेल के पत्ते, बेल के फल, ये सब अर्पण करें।
  • भगवान जी को जल अर्पण करने के बाद भगवान जी के मन्त्रों और स्तोत्रों का पाठ करें।
  • अगर संभव हो तो घर में या मंदिर में हवन करें।
  • गरीब लोगों को भोजन करवाएं।
  • आज के दिन व्रत कर के पूरा दिन शिव का ध्यान करें।

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