Ekadashi Vrat 2024 Date: एकादशी व्रत का महत्व, पूजा विधि, पूजन सामग्री, नियम यहां जानें…

श्रीमद् भागवत गीता का उपदेश देते हुए भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है, कि मुझे तिथियां में सबसे प्रिय एकादशी तिथि है।

Ekadashi Vrat 2024 Date: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें परम पद की प्राप्ति होती हैं। साथ ही भगवान विष्णु का शुभाशीर्वाद प्राप्त होता है। 

श्रीमद् भागवत गीता का उपदेश देते हुए भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है, कि मुझे तिथियां में सबसे प्रिय एकादशी तिथि है। इसी दिन श्री कृष्ण जी ने आज से लगभग 5000 वर्ष पहले कुरुक्षेत्र की धरती पर गीता का उपदेश दिया था। 

हिंदू कैलेंडर में एकादशी तिथि हर महीने में दो बार आती है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। एकादशी तिथि का व्रत सूर्य उदय की तिथि से प्रारंभ होकर अगले दिन के सूर्य उदय तक किया जाता है। कभी कभी ये व्रत दशमी युक्त एकादशी में किया जाता है तो कभी द्वादशी युक्त एकादशी में किया जाता है।

Ekadashi Vrat 2024 Date

एकादशी व्रत और पूजा विधि (Ekadashi Vrat Puja Vidhi)

  • एकादशी के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले उठें। 
  • उठ कर स्नान कर के साफ़ वस्त्र धारण करें। 
  • साफ़ आसन पर पूर्व की ओर मुख कर के बैठें। 
  • गणेश जी का ध्यान कर के सभी देवताओं को प्रणाम करें। 
  • फिर विष्णु भगवान जी का ध्यान और पूजन करके एकादशी की पूजा कथा करें।
  • विष्णु जी के मन्त्रों का जाप करें।  

एकादशी पूजा सामग्री (ekadashi puja samagri list)

  • गंगाजल
  • चौकी
  • पीला कपड़ा
  • आम के पत्ते
  • कुमकुम
  • फूल
  • मिठाई
  • अक्षत
  • पंचमेवा
  • धूप
  • दीप
  • फल
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा

विष्णु भगवान जी की प्रतिमा को दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से स्नान करवाकर, फल, फूल, मिठाई अर्पण कर के, धूप दीप दिखाकर पूजा करें। एकादशी की कथा सुने या पढ़ें। साथ ही विष्णु भगवान जी के मन्त्रों का जाप करें।

एकादशी के लिए विशेष मन्त्र (Ekadashi Mantra)

एकदशी के दिन विष्णु भगवान जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मन्त्रों का जप किया जाता है। 

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 

इस मन्त्र का 108 बार अवश्य जाप करें,

ॐ नम: सर्व निवासाय सर्व शक्ति युतायते मम् अभीष्टम् कुरुष्वाशु शरणागत वत्सल।

इस मन्त्र का 108 बार जप करें

दिन भर विष्णु भगवान का ध्यान रखते हुए दिन बिताएं। 

Ekadashi Vrat 2024 Date

एकादशी के दिन करें विष्णु अभिषेक, होगी ऐश्वर्य की प्राप्ति

  • विष्णु जी का हल्दी युक्त जल से अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। 
  • विष्णु जी का दूध से अभिषेक करने से आपको एश्वर्य की प्राप्ति होती है।
  • विष्णु जी को फल के रसों से अभिषेक करवाने से रोग शान्त होते हैं।
  • विष्णु जी का शंख से अभिषेक करवाने से आपके जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है।
  • विष्णु जी को चाँदी के पात्र से स्नान करवाने से आपको उन्नति की प्राप्ति होती है।

विष्णु पूजा के नियम (Vishnu Puja Niyam)

सनातन धर्म में भगवान की पूजा करने के लिए ऐसे तो कोई नियम नहीं होता है। परन्तु हर कार्य को करने के लिए कुछ नियम होते हैं। जिससे हम उस कार्य को करने के अधिकारी होते हैं और हमे उसका पूर्ण फल प्राप्त होता है।

  • एकादशी पूजा करने वाले को सनातन के नियमों का पालन करने चाहिए।
  • पूजा करने वाले को वैष्णव धर्म के नियमों का पालन करना चाहिए।
  • लहसुन प्याज का त्याग करके दिन बिताना चाहिए।
  • सात्विक विचारों के साथ दिन बिताएं।
  • गलत चीजों के खान-पान जैसे- शराब, मीट, जर्दा, सिगरेट से बचें।

आइए, अब जानें वर्ष 2024 में एकादशी कब-कब है?

एकादशी व्रत 2024  (Ekadashi Vrat 2024 Date)

दिनांक/ तिथिएकादशी का नाम एवं पक्षवार
04 मई 2024वैष्णव वरूथिनी एकादशी (कृ)शनिवार
19 मई 2024मोहिनी एकादशी (शु)रविवार
02 जून 2024अपरा एकादशी (कृ)रविवार
17 जून 2024निर्जला एकादशी (शु)सोमवार
18 जून 2024निर्जला एकादशी (शु)मंगलवार
02 जुलाई 2024योगिनी एकादशी (कृ)मंगलवार
17 जुलाई 2024देव श्यनी एकादशी (शु)बुधवार
31 जुलाई 2024वैष्णव कामिका एकादशी (कृ)बुधवार
16 अगस्त 2024श्रवण पुत्रदा एकादशी (शु)शुक्रवार
29 अगस्त 2024अजा एकादशी (कृ)गुरुवार
14 सितम्बर 2024परस्व एकादशी (शु)शनिवार
28 सितम्बर 2024इंदिरा एकादशी (कृ)शनिवार
14 अक्तूबर 2024पापांकुशा एकादशी (शु)सोमवार
27 अक्तूबर 2024रमा एकादशी (कृ)रविवार
28 अक्तूबर 2024रमा एकादशी (कृ)सोमवार
12 नवम्बर 2024देव उत्थाना एकादशी (शु)मंगलवार
26 नवम्बर 2024उत्पन्ना एकादशी (कृ)मंगलवार
11 दिसम्बर 2024मोक्षदा एकादशी (शु)बुधवार
26 दिसम्बर 2024सफ़ला एकादशी (कृ)गुरुवार
VAMA द्वारा आयोजित ऑनलाइन पूजा में भाग लें (अपने नाम और गोत्र से पूजा संपन्न कराएं)
पूजा का नाममंदिर (स्थान)
ऋण मुक्ति पूजाऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन)
माता कामाख्या महापूजामाता कामाख्या शक्तिपीठ (गुवाहाटी)
शनि साढे़ सातीशनि शिंगणापुर देवस्थानम,महाराष्ट्र
लक्ष्मी कुबेर महायज्ञ और रुद्राभिषेकजागेश्वर कुबेर मंदिर ,अल्मोड़ा, उत्तराखंड
राहु ग्रह शांति पूजाजरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर ,प्रयागराज

 ऐसे ही सनातन धर्म की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए वामा ब्लॉग पढ़ें।