Budh Vakri 2024: 3 अगस्त को बुध होंगे वक्री, युवाओं में दिखेगा आक्रोश…

बुध वक्री होकर किस राशि के लिए शुभ फल देंगे और किसको करना होगा कष्टों का सामना , इन सब कष्टों से बचने के लिए क्या उपाय करें जानें इस ब्लॉग....

Budh Vakri 2024: नव ग्रहों में बुध को राजकुमार की संज्ञा दी गई है। आकाश मंडल में सभी ग्रह अपनी-अपनी कक्षा में भ्रमण करते हैं। इसी क्रम में किसी अन्य ग्रह से दूसरे ग्रह को देखने पर उनकी गति कम होने के कारण वो वक्री होते हुए दिखाई देते हैं। 

हर ग्रह का प्रभाव अलग होने से उसका फल भी अलग अलग होता है। इसी तरह उनके मार्गी और वक्री होने से मिलने वाला फल भी अलग अलग होता है।

जानें वक्री क्या होता है

जैसे कुम्हार के चाक पर किसी चलने वाले जीव जो चलाया जाए और उसकी विपरीत दिशा में में चाक को घुमाया जाए तो वो जीव भी वक्री (उल्टी) दिशा में जाता हुआ दिखाई देता है। ठीक इसी तरह पृथ्वी से देखने पर एक स्थिति के अनुसार दूसरे ग्रह वक्री दिखाई देते हैं। 

आइए जानते हैं VAMA के ज्योतिषाचार्य डॉ आचार्य देव से, किस राशि पर कैसा होगा वक्री बुध का फल और उपाय…

वक्री बुध का फल 

किसी भी ग्रह के वक्री होने पर उसका फल दो तरह से देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सौम्य ग्रह वक्री होने पर अशुभ फल देते हैं, और क्रूर ग्रह वक्री होने पर शुभ फल देते हैं। 

ज्योतिष शास्त्र में बुध को नपुंसक ग्रह माना जाता है। बुध अगर क्रूर ग्रहों से युक्त होता है, तो इसे क्रूर ग्रह माता जाता है और अगर ये शुभ ग्रहों के साथ होता है तो इसे शुभ माना जाता है, कुंडली के अनुसार अगर बुध अकेले होते हैं तो इनको नपुंसक माना जाता है,  

बुध ग्रह नव ग्रहों में राजकुमार होने से इसका प्रभाव युवाओं पर अधिक देखा जाता है। बुध को वाणी और व्यापार का कारक भी माना जाता है।

बुध को युवाओं के लिए कैरियर बनाने में सहायक ग्रह के रूप में भी माना जाता है। बुध को रिश्तों में मामा का कारक माना गया है। शरीरी के अंगों में इसे चमड़ी का कारक माना गया है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर बुध की स्थिति अगर कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी होती है। तो उस से मिलने वाला फल भी अच्छा होता है, और बुध अगर क्रूर ग्रहों के प्रभाव में होता है तो उसका फल भी क्रूर होता है।

वहीं दूसरी ओर अगर बुध क्रूर फल देने वाले हों तो, वक्री होने पर शुभ फल देते हैं। शुभ फल देने वाले हों तो, वक्री होने पर अशुभ फल देते हैं।

राशि अनुसार वक्री बुध का फल

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए बुध तृतीय और छठे भाव के कारक हैं। ज्योतिष शास्त्र के नियमों के अनुसार बुध शुभ फल देने वाले हैं। साथ ही बुध का गोचर शुभ ग्रह शुक्र के साथ हो रहा है, जिस से बुध और भी शुभ हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में मेष राशि वालों के लिए बुध का वक्री होना शुभ नही है। आपके पराक्रम में और रोगों में वृद्धि होने की सम्भावना है। 

वृष राशि

वृष राशि वालों के लिए बुध दूसरे और पांचवें घर के स्वामी हैं। जिससे आपके लिए बुध का शुभ प्रभाव देखा जाता है। आपकी राशि से चतुर्थ घर में बुध का वक्री होना शुभ फल देने वाला नहीं है।

इस से शुभ फलों में कमी देखी जाएगी। सफलताओं में कमी आएगी। घर में किसी प्रकार के बिजली के उपकरण खराब होने के योग बनेंगे। मोबाइल का ध्यान रखें गुम हो सकता है। अगर आपको चीज रखकर भूलने की आदत है, तो इस समय में आपको और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। 

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए बुध लग्न और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। जिससे आपके लिए बुध अत्यंत शुभ फल देने वाले ग्रह सिद्ध होते हैं। परंतु बुध का वक्री होना लग्न और चतुर्थ भाव से मिलने वाले फल को प्रभावित करेगा।

यदि आपको बोलने में कोई बाधा है तो अपने शब्दों पर नियंत्रण रखें। आपकी बातों को गलत समझा जाएगा। आपके बोलने में शब्दों की कर्कश्ता सामने वाले को अधिक चुभेगी। घर में किसी तरह की लड़ाई झगड़े की संभावना बन सकती है, इसलिए बुध का वक्री कल सावधानी पूर्वक बताएं। 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध 12वें और तीसरे घर के स्वामी हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपके लिए शुभ फल देने वाले सिद्ध नहीं होते हैं। अतः गोचर में बुध का वक्री होना आपके लिए शुभ फल दे सकता है।

ऐसे में आपको विदेश से संबंधित कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकते हैं। आपके पराक्रम में वृद्धि हो सकती है। आपकी मधुर वाणी से लोग प्रभावित होंगे, जिससे आप किसी नए व्यक्ति से जुड़ सकते हैं। समाज में पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। 

सिंह राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध 11वें और दूसरे भाव के स्वामी हैं। जिससे आपके लिए बुध का अशुभ फल प्राप्त हो ऐसी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्थिति बन रही है। परंतु बुध का गोचर में वक्री होना आपके लिए शुभ फल लेकर आ रहा है।

11वें भाव एवं दूसरे भाव का संबंध धन से है। इस समय में आपको आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। आपकी मधुर वाणी से आपके व्यापार में उन्नति प्राप्त हो सकती है, जिससे आपको धन लाभ होगा। 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध लग्न और दशम भाव के स्वामी हैं। आपके लिए बुध का शुभ फल प्राप्त होगा, परंतु गोचर में बुध वक्री होने से आपको कार्य क्षेत्र में और शारीरिक तौर पर कुछ समस्याएँ  महसूस होंगी  जिसके कारण आपकी मानसिक चिंताएं बढ़ सकती हैं।

आपके व्यापार में आ रही बाधा चिंता का विशेष कारण बन सकती हैं। आपके जीवन में अगर कोई प्रतिद्वंदी आपको परेशान कर रहा था, तो इस समय में आपकी परेशानी और बढ़ सकती हैं। युवाओं को रोजगार प्राप्ति में दिक्कत आ सकती हैं। 

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए बुध 12वें और 9 वें घर के स्वामी हैं। जिससे आपके भाग्य उदय और उन्नति के योग बनेंगे। आपके लिए बुध का मिला-जुला फल प्राप्त होगा। आपको दूर की यात्राएं करने का अवसर प्राप्त होगा। भाग्य के भरोसे रहकर कोई निर्णय ना लें मेहनत करने से ही फल प्राप्त होगा। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं। जिससे आपके लिए बुध का गोचर में वक्री होना शुभ फल देने वाला सिद्ध होगा। इस समय में आपको अचानक धन की प्राप्ति होगी।

रुका हुआ धन पुनः प्राप्त होने का योग बनेगा। जो युवा धन प्राप्ति के लिए विदेश जाने की योजना बना रहे थे, उन्हें सफलता प्राप्त होगी। जिनके व्यापार में बाधाएं आ रही थी, उन्हें उन्नति देखने को मिलेगी। 

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध 10वें और सप्तम भाव के स्वामी हैं। जिससे आपके लिए बुध की स्थिति शुभ बन रही है। परंतु गोचर में बुध का वक्री होना आपके लिए अशुभ सिद्ध होने वाला है।

बुध के वक्री होने से आपके रोजगार में समस्याएं आ सकती हैं। यदि आप पार्टनरशिप में कोई काम कर रहे हैं, तो आपको पार्टनरशिप में नुकसान हो सकता है। जीवन साथी को शारीरिक नुकसान हो सकता है। 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध नवम और छठे भाव के स्वामी है। जिससे आपको शुभ फल प्राप्त होता हैं। गोचर में बुध का वक्री होना आपके लिए मिला जुलाफल लेकर आया है।

आपको धन समृद्धि के लिए अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। उन्नति के रास्ते खुलने लगेंगे। आपकी वाणी की मधुरता लोगों को पसंद आएगी। 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध पंचम एवं अष्टम भाव के स्वामी है। ऐसे में आपको बुध का मिला-जुला फल प्राप्त होगा। आपकी वाणी में मधुरता है, जो लोगों को आकर्षित करती है।

इस समय में आपको गुप्त विधाओं की प्राप्ति हो सकती है। अगर आप मन को धार्मिक कार्यों में लगाते हैं, तो आपके मन को और अधिक संतुष्टि प्राप्त होगी। विद्यार्थियों को इस समय में थोड़ा अधिक संघर्ष  करना पड़ सकता है। 

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए बुध चतुर्थ एवं सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस समय में आपके लिए बुध का मिला-जुला फल देखने को मिलेगा। इस समय में आपको घर में किसी प्रकार का कोई क्लेश देखने को मिलेगा। मन को शांत रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें।

जीवन साथी को यदि कोई चमड़ी से जुड़ा रोग था, तो अब उसके रोग के उभरने की संभावना है। उनका विशेष ध्यान रखें। खानपान का विशेष ध्यान रखें। इस समय में आपको भी चमड़ी से जुड़ा कोई रोग हो सकता है।

उपाय:-

अगर आपको बुध के वक्री होने से प्रतिकूल फल मिल रहे हैं, तो आपको भी ये उपाय करने चाहिएं।

  • गाय को हरा चारा खिलाएं।
  • गाय को रोटी में मीठा रख कर खिलाएं।
  • मंदिर के बाहर बैठे गरीब लोगों को मिठाई खिलाएं।
  • विष्णु भगवान जी की पूजा करें।
  • गणेश जी को हरी दूर्वा अर्पण करें।