Aaj Ki Tithi: भाद्रपद माह, कृष्ण पक्ष, अमावस्या तिथि | सोमवार, 2 सितंबर 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) 2 सितंबर, दिन सोमवार, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। अगर आप किसी कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय और आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) आदि नोट कर लें।

Aaj Ka Panchang | Aaj Kya Hai | आज की तिथि

Aaj Ki Tithi: हिंदू पंचांग के अनुसार 2 सितंबर को दिन सोमवार, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। आज मघा नक्षत्र और शिव योग का संयोग रहेगा। आज चंद्रमा सिंह राशि में मौजूद रहेंगे। 

यदि आप भी आज के दिन किसी शुभ कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो यहां से आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय आदि अवश्य नोट कर लें। 

तो आइए, VAMA के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. आचार्य देव से जानते हैं- आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय और आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) क्या है?

आज का पंचांग और तिथि (Aaj Ka Panchang & Tithi)

तिथि

  • कृष्ण पक्ष अमावस्या [वृद्धि तिथि]  – Sep 02 05:22 एम – Sep 03 07:25 एम
  • नक्षत्र- मघा – Sep 01 09:48 पीएम – Sep 03 12:20 एम
  • पूर्व फाल्गुनी – Sep 03 12:20 एम – Sep 04 03:10 एम

करण

  • चतुष्पद – Sep 02 05:22 एम – Sep 02 06:21 पीएम
  • नाग – Sep 02 06:21 पीएम – Sep 03 07:25 एम
  • योग- शिव – Sep 01 05:49 पीएम – Sep 02 06:19 पीएम
  • सिद्ध – Sep 02 06:19 पीएम – Sep 03 07:05 पीएम

वार- सोमवार

त्योहार और व्रत

  • पिठौरी अमावस्या
  • अमावस्या व्रत
  • सोमवार व्रत

सूर्य और चंद्रमा का समय

  • सूर्योदय – 5:43 एम
  • सूर्यास्त – 6:12 पीएम
  • चन्द्रोदय – Sep 02 4:46 एम
  • चन्द्रास्त – Sep 02 6:02 पीएम

आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय (Aaj ka shubh muhurat & Rahu Kaal ka samay)

वैदिक पंचांग में शुभ-अशुभ मुहूर्त वह समय होता है जिसमें ग्रह और नक्षत्र उस स्थान के अनुसार सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देते हैं। अतः हमें सार्थक परिणाम के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को अभिजीत अर्थात् शुभ मुहूर्त में ही शुरुआत करनी चाहिए।   

शुभ काल

  • अभिजीत मुहूर्त – 11:32 एम – 12:22 पीएम
  • अमृत काल – 09:39 पीएम – 11:25 पीएम
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:07 एम – 04:55 एम

अशुभ काल

  • राहूकाल का समय – 7:16 एम – 8:50 एम
  • यम गण्ड – 10:23 एम – 11:57 एम
  • कुलिक – 1:31 पीएम – 3:04 पीएम
  • दुर्मुहूर्त – 12:22 पीएम – 01:12 पीएम, 02:52 पीएम – 03:42 पीएम
  • वर्ज्यम् – 11:04 एम – 12:50 पीएम

राशि गोचर

  • सूर्य राशि- सूर्य सिंह राशि पर है
  • चंद्र राशि-चन्द्रमा सिंह राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
  • चन्द्र मास- अमांत – श्रावण
  • पूर्णिमांत – भाद्रपद
  • शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – भाद्रपद 11, 1946
  • वैदिक ऋतु – वर्षा
  • द्रिक ऋतु – शरद
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पूजा का नाममंदिर (स्थान)
ऋण मुक्ति पूजाऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन)
शनि साढे़ सातीशनि शिंगणापुर देवस्थानम, महाराष्ट्र
राहु ग्रह शांति पूजाजरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज
माँ बगलामुखी महापूजामाँ बगलामुखी धाम, उज्जैन
पितृ दोष शांति एवं त्रिपिंडी श्राद्ध पूजाधर्मारण्य तीर्थ, गया, बिहार

आइए, अब हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) को विस्तार से समझ लेते हैं। 

पंचांग के पांच अंग (पंचांग क्या होता है)

हिंदू कैलेंडर को वैदिक पंचांग के नाम से जाता है। इसके पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण प्रमुख हैं। जिसके आधार पर आज की तिथि (Today Tithi), शुभ मुहूर्त और राहुकाल आदि की गणना की जाती है।

1. तिथि

हिंदू कैलेंडर चंद्रमास पर आधारित है। जिसमें दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष होता है। यह 15-15 दिनों का होता है। विक्रम संवत गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। 

ये 15 तिथियां क्रमशः प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या/पूर्णिमा है।

2. नक्षत्र

आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 

ये 27 नक्षत्र क्रमशः अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र हैं।

3. वार: 

हिंदू कैलैंडर में वार का आशय दिन से है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों कैलेंडर के सप्ताह में 7 दिन हैं। 

ये 7 वार क्रमशः रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार है। 

4. योग: 

नक्षत्र की तरह योग की संख्या भी 27 है। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। 

ये 27 योग क्रमशः विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति है।

5. करण: 

हिंदू पंचांग के अनुसार एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में, कुल 11 करण होते हैं। 

ये 11 करण क्रमशः बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न है। 

Note- सभी मुहूर्त और पंचांग का जानकारी वाराणसी (काशी) शहर के अनुसार दी गई है। 

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