Aaj Ki Tithi: आज की तिथि | भाद्रपद, शुक्ल पक्ष, तृतीया तिथि | शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) 6 सितंबर, दिन शुक्रवार, भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। अगर आप किसी कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय और आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) आदि नोट कर लें।

Aaj Ka Panchang | Aaj Kya Hai | आज की तिथि

Aaj Ki Tithi: हिंदू पंचांग के अनुसार आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) 6 सितंबर, दिन शुक्रवार, भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। आज नक्षत्र हस्त 09:25 AM तक उपरांत चित्रा, शुक्ल योग 10:14 PM तक, उसके बाद ब्रह्म योग और करण गर 03:01 PM तक, बाद वणिज 04:21 AM तक, बाद विष्टि का संयोग रहेगा। 

आज राहुकाल का समय 10:23 AM से 11:56 AM तक है और 11:00 PM तक चन्द्रमा कन्या राशि इसके उपरांत तुला राशि में प्रवेश करेंगे। 

यदि आप भी आज के दिन किसी शुभ कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो यहां से आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय आदि अवश्य नोट कर लें। 

तो आइए, VAMA के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. आचार्य देव से जानते हैं- आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय और आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) क्या है?

आज की तिथि व पंचांग (Aaj ki tithi & Panchang)

तिथि

  • शुक्ल पक्ष तृतीया   – Sep 05 12:21 PM – Sep 06 03:01 PM
  • शुक्ल पक्ष चतुर्थी   – Sep 06 03:01 PM – Sep 07 05:37 PM

करण

  • गर – Sep 06 01:41 AM – Sep 06 03:01 PM
  • वणिज – Sep 06 03:01 PM – Sep 07 04:21 AM
  • विष्टि – Sep 07 04:21 AM – Sep 07 05:37 PM

वार- शुक्रवार

सूर्य और चंद्रमा का समय

  • सूर्योदय – 5:44 AM
  • सूर्यास्त – 6:07 PM
  • चन्द्रोदय – Sep 06 8:10 AM
  • चन्द्रास्त – Sep 06 7:55 PM
VAMA द्वारा आयोजित ऑनलाइन पूजा में भाग लें (अपने नाम और गोत्र से पूजा संपन्न कराएं)
पूजा का नाममंदिर (स्थान)
ऋण मुक्ति पूजाऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन)
शनि साढे़ सातीशनि शिंगणापुर देवस्थानम, महाराष्ट्र
राहु ग्रह शांति पूजाजरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज
माँ बगलामुखी महापूजामाँ बगलामुखी धाम, उज्जैन
पितृ दोष शांति एवं त्रिपिंडी श्राद्ध पूजाधर्मारण्य तीर्थ, गया, बिहार

आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय (Aaj ka shubh muhurat & Rahu Kaal ka samay)

वैदिक पंचांग में शुभ-अशुभ मुहूर्त वह समय होता है जिसमें ग्रह और नक्षत्र उस स्थान के अनुसार सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देते हैं। अतः हमें सार्थक परिणाम के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को अभिजीत अर्थात् शुभ मुहूर्त में ही शुरुआत करनी चाहिए।   

शुभ काल

  • अभिजीत मुहूर्त – 11:31 AM – 12:20 PM
  • अमृत काल – 05:18 AM – 07:06 AM
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:08 AM – 04:56 AM

अशुभ काल

  • राहुकाल का समय – 10:23 AM – 11:56 AM
  • यम गण्ड – 3:01 PM – 4:34 PM
  • कुलिक – 7:17 AM – 8:50 AM
  • दुर्मुहूर्त – 08:13 AM – 09:02 AM, 12:20 PM – 01:10 PM
  • वर्ज्यम् – 06:28 PM – 08:17 PM

राशि गोचर

  • सूर्य सिंह राशि पर है
  • चन्द्रमा 6 सितम्बर को 11:00 PM तक कन्या राशि इसके उपरांत तुला राशि पर संचार करेंगे।

हिन्दू वर्ष कैलेंडर

  • विक्रम संवत – 2081, पिंगल
  • शक सम्वत – 1946, क्रोधी
  • पूर्णिमांत – भाद्रपद
  • अमांत – भाद्रपद
  • वैदिक ऋतु – वर्षा
  • द्रिक ऋतु – शरद

आइए, अब हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) को विस्तार से समझ लेते हैं। 

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पंचांग के पांच अंग (पंचांग क्या होता है)

हिंदू कैलेंडर को वैदिक पंचांग के नाम से जाता है। इसके पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण प्रमुख हैं। जिसके आधार पर आज की तिथि (Today Tithi), शुभ मुहूर्त और राहुकाल आदि की गणना की जाती है।

1. तिथि

हिंदू कैलेंडर चंद्रमास पर आधारित है। जिसमें दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष होता है। यह 15-15 दिनों का होता है। विक्रम संवत गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। 

ये 15 तिथियां क्रमशः प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या/पूर्णिमा है।

2. नक्षत्र

आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 

ये 27 नक्षत्र क्रमशः अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र हैं।

3. वार: 

हिंदू कैलैंडर में वार का आशय दिन से है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों कैलेंडर के सप्ताह में 7 दिन हैं। 

ये 7 वार क्रमशः रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार है। 

4. योग: 

नक्षत्र की तरह योग की संख्या भी 27 है। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। 

ये 27 योग क्रमशः विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति है।

5. करण: 

हिंदू पंचांग के अनुसार एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में, कुल 11 करण होते हैं। 

ये 11 करण क्रमशः बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न है। 

Note- सभी मुहूर्त और पंचांग का जानकारी वाराणसी (काशी) शहर के अनुसार दी गई है। 

ऐसे ही ज्योतिष, पंचांग, राशिफल, त्योहार, और सनातन धर्म की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए VAMA का ब्लॉग अवश्य पढ़ें।