Diwali Puja Vidhi 2023: दिवाली के दिन ऐसे करें पूजा, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा (Laxmi pujan) विधि-विधान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां का कृपा बनी रहती है।

Diwali Puja Vidhi 2023: ‘दिवाली’ सबसे लोकप्रिय और बड़ा त्योहार है। दिवाली (Diwali) एक ऐसा त्योहार जिसका इंतजार हमें सालभर से रहता है। इस अवसर पर लोग अपने घरों की साफ-सफाई करके माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं।

दिवाली को पांच दिनों तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भैया दूज के दिन चलती है। 

VAMA द्वारा आयोजित दिवाली पूजा में भाग लें

घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए वामा द्वारा आयोजित होने वाली दिवाली पूजा में भाग लें और जीवन को सफल बनाएं।

दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा विधि-विधान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां का कृपा बनी रहती है। 

दिवाली का पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। आपको बता दें, इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर, 2023 दिन रविवार को मनाई जाएगी। 

तो आइए, VAMA के इस ब्लॉग में दिवाली का महत्व, लक्ष्मी पूजा विधि (laxmi puja vidhi) शुभ मुहूर्त विस्तार से जानते हैं। 

सबसे पहले दिवाली पर्व की महत्ता को जान लेते हैं। 

दिवाली का महत्व (importance of Diwali)

‘दिवाली’ को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता हैं। यह त्योहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

यह रोशनी का त्योहार है, जो अंधकार में रोशनी का विजय प्रतीक है। दिवाली वास्तव में एक मिलन का त्योहार है, जिसमें सभी अपनों से मिलते हैं और खुशियां बांटते हैं। 

दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस से ही यह उत्सव शुरू हो जाता है और अमावस्या के दिन दीपक जलाकर दिवाली मनाते हैं। यह पर्व हमारे जीवन में सुख-शांति लाता है। इस अवसर पर व्यापारी अपने व्यवसायों क नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत भी करते हैं। 

vama puja

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2023 (Diwali Puja Muhurat)

इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी। 

  • पंचाग के अनुसार दिवाली 12 नवंबर 2023 की रात को मनाना सबसे शुभ रहेगा।
  • लक्ष्‍मी पूजा (laxmi puja) के लिए शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 मिनट से लेकर 7:36 मिनट तक करीब 1 घंटे 55 मिनट का रहेगा। 

दिवाली पूजा सामग्री (diwali puja samagri)

एक चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो, अक्षत यानी साबुत चावल के दानें जो टूटे न हों, कुमकुम, हल्दी, दूर्वा, सुपारी, लौंग, इलायची, एक तांबे या पीतल का कलश, आम के पत्ते, पान के पत्ते, मौली, दो नारियल, 2 बड़े दीपक, 11 छोटे दीपक, घी, सरसों का तेल, दीये की बाती, धूप, अगरबत्ती, जल पात्र, गंगाजल, पुष्प, कमल का फूल, मीठे बताशे, खील, मिठाई, फल, पकवान, मेवे।

आपको बता दें, कि लक्ष्मी पूजा (laxmi pujan) में कई जगह कमलगट्टे, कौड़ी और धनिया चढ़ाने की भी परंपरा है, तो अगर आप चाहें तो ये सामग्री चढ़ा सकते हैं।

दिवाली पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi 2023)

  • जहां पूजा करनी है, उस जगह को साफ करें।
  • ज़मीन पर आटे या चावल से चौक बनाएं।
  • आपसे चौक न बनें तो केवल कुमकुम से स्वास्तिक बना लें या कुछ दाने अक्षत के रख दें।
  • इसपर अब एक चौकी रखें, उसपर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • अक्षत का आसन देते हुए, माता लक्ष्मी और गणेश को विराजमान करें।
  • लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिने ओर ही स्थापित करें और दोनों प्रतिमाओं का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में ही रखें।
  • अब हम दोनों प्रतिमाओं के आगे थोड़े रुपए, गहने और चांदी के सिक्के रखें। 
  • चांदी के सिक्के देवता कुबेर का स्वरूप होते हैं, अगर यह आपके पास उपलब्ध न हों तो आप कुबेर जी का चित्र या प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं।
  • लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ अक्षत से अष्टदल यानी 8 पखुंडियों वाला एक पुष्प बनाएं।
  • जल से भरे कलश को उसपर रख दें, इसके अंदर गंगा जल, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, दूर्वा, सुपारी, लौंग और इलायची का जोड़ा डालें।
  • अगर आपके पास यह सब सामग्री नहीं है तो केवल शुद्ध जल, अक्षत, हल्दी और कुमकुम भी डाल सकते हैं। 
  • कलश पर हम कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।
  • साथ ही आम के पत्तों पर भी हल्दी-कुमकुम लगाएं।
  • इस कलश में आम के पत्ते भी डालें और उसके ऊपर नारियल पर मौली बांधकर रख दें।
  • चौकी के सामने अन्य सामग्री भी लगा कर रख दें।
  • आप दो बड़े चौमुखी घी के दीपक रख लें और 11 दीयों में सरसों का तेल डालें।

आप शुभ मुहूर्त से पहले स्नान कर लें और नए वस्त्र पहन लें। शुभ मुहूर्त 12 नवंबर, 2023 को शाम 5:40 मिनट से लेकर 7:36 मिनट तक पूजा संपन्न कर लें। 

इस शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर चौकी के सामने अपने सभी परिवार के सदस्यों के साथ आसन ग्रहण कर लें।

vama

लक्ष्मी पूजा विधि (Laxmi Puja Vidhi) 

  • इसके बाद, जल पात्र में एक पुष्प को डुबोकर, सभी देवी-देवताओं पर छिड़कें।
  • आचमन के लिए आप इस तरह बाएं हाथ से दाएं हाथ में जल लें और दोनों हाथों को साफ करें।
  • अब तीन बार यह जल स्वयं ग्रहण करें और साथ ही इन मंत्रों का उच्चारण करें-

ॐ केशवाय नमः

ॐ नारायणाय नमः

ॐ माधवाय नमः

  • इसके बाद फिर से हाथ धो लें।
  • दोनों घी के बड़े दीपकों की गणेश जी और लक्ष्मी जी के सामने प्रज्वलित करें
  • एक तेल का दीपक कलश के समक्ष जलाएं।
  • एक दीपक आप पितरों के नाम से पूजा में जला लें।
  • अब दीपक के साथ धूप और अगरबत्ती भी जलाकर, भगवान जी को दिखाएं।
  • अब हाथ में पुष्प लेकर, अपनी आंखें बंद करें और इस मंत्र के साथ गणेश जी का आवाहन करें-

ऊँ गं गणपतये नमः।

  • इसके बाद माता लक्ष्मी का आवाहन करते हुए, इस मंत्र का उच्चारण करें- ऊँ महालक्ष्म्यै नमः।
  • भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, कुबेर जी, कलश और दीपक को एक-एक करके पुष्प अर्पित करें।
  • अब माता लक्ष्मी को हम वस्त्र रूपी मौली अर्पित करें और गणेश जी को जनेऊ अर्पित करें।
  • कुमकुम से दोनों प्रतिमाओं को तिलक करें। साथ ही चांदी के सिक्कों और गहनों को तिलक लगाएं।
  • अब भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के चरणों में अक्षत अर्पित करें।
  • ऐसा करने के बाद हम कमल का फूल और कमल गट्टे भी भगवान जी को चढ़ाएंगे।
  • माता लक्ष्मी को नारियल अर्पित करें।
  • अब दो लौंग, दो इलायची, और सुपारी, पान के पत्ते पर रखकर भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी के सामने रख दें।
  • अब बारी है भगवान जी को भोग अर्पित करने की, इसके लिए हम भगवान को खील और चीनी के बताशों का भोग लगाएंगे। 
  • भोग में आप मिठाई, फल और पकवान भी चढ़ा सकते हैं।
  • भोग के बाद चम्मच से चारों ओर जल घुमाएं और नीचे गिरा दें।
  • अब भगवान की आरती उतारते हुए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती गाएं। 
  • आरती के बाद, हाथ में पुष्प और अक्षत लें ले और ईश्वर से यह प्रार्थना करें कि, “आप हमारी पूजा स्वीकार करना, और हमें जीवन में सुख-समृद्धि और सद्बुद्धि प्रदान करना।
  • साथ ही पूजा अब हम पूजा में हुई, किसी भी गलती के लिए मांफी मांगे, अगर हमसे इस पूजा में कोई भी भूल-चूक हुई हो तो हमें क्षमा करें।
  • इसके बाद, यह पुष्प और अक्षत भगवान के चरणों में छोड़ दें।
  • अंत में सबको आरती दें और भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
  • अपने घर में बड़े लोगों का आशीर्वाद ज़रूर लें। 
  • बचे हुए दीयों को घर के विभिन्न स्थानों पर रख दें।
  • ध्यान रहे, दीयों का मुख बाहर की तरफ होना चाहिए।

इस प्रकार दिवाली पूजा (Diwali Puja) संपन्न हुई। 

ये तो थी, दिवाली 2023 के दिन लक्ष्मी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त की जानकारी। ऐसे ही सनातन धर्म की अन्य त्योहारों की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जानने के लिए VAMA APP से जुड़े रहें।