रुद्राक्ष धारण करना बेहद ही शुभ माना जाता है। लेकिन असली रुद्राक्ष मिलना बहुत ही मुश्किल होता है।
जबकि असली रुद्राक्ष धारण करने से लोगों को ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचाव होता है और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
असली रुद्राक्ष सिद्धिदायक, पापनाशक, पुण्यवर्धक, रोगनाशक, तथा मोक्ष प्रदान करने वाला होता है।
आजकल बाजार में कई तरह के रुद्राक्ष बिक रहा है। ऐसे में असली रुद्राक्ष की पहचान करना भी बहुत मुश्किल होता है।
नकली रुद्राक्ष को लोग असली के रूप में खरीद तो लेते हैं जबकि उसका फल नहीं मिलता है।
शिव पुराण में कहा गया है कि रुद्राक्ष या इसकी भस्म को धारण करके ‘नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने वाला मनुष्य शिव रूप हो जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है की जो भक्त रुद्राक्ष धारण करते हैं भगवान भोलेनाथ उनसे हमेशा प्रसन्न रहते हैं।
आज हम आपको असली रुद्राक्ष के बारे में बता रहे हैं जिससे आप असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान आसानी से कर सकते हैं।
1.रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली है।
2.रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकीली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमें से रेशा निकले तो समझें कि वह रुद्राक्ष असली है।
3.दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान हो सकते हैं।
4.रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है।
5.यदि रुद्राक्ष को तेज धूप में काफी समय तक रखने पर अगर उसमें दरार न आए तो वह असली है।
6.एक मुखी रुद्राक्ष को ध्यानपूर्वक देखने पर उस पर त्रिशूल या नेत्र के चिन्ह का आभास होता है।
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