भगवान गणेश के 8 अवतार, यहां जानिए सभी अवतारों की खास बातें

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8 Avatars of Lord Ganesha

गणेश चतुर्थी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है।

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इस बार गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi 2023) का पर्व 19 सितंबर, दिन मंगलवार को है और 28 सितंबर को समापन होगा।

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गणेश चतुर्थी के मौके पर हम आपको भगवान गणेश के 8 अवतारों की खास बातें बताने जा रहे हैं। तो आइए यहां जानते हैं, गणेशजी के अवतारों के बारे में....

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1. वक्रतुंड अवतार

गणेश जी का यह अवतार ब्रह्म स्वरूप से अपने सम्पूर्ण शरीर को धारण करने वाला है तथा उनके वाहन सिंह है। इस अवतार में उनके द्वारा मत्सरासुर का संहार हुआ था। भगवान गणेश के प्रथम अवतार वक्रतुण्ड का अर्थ है, ‘मुड़ी हुई सूंड’।

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2. एकदंत अवतार

एकदंत अवतार देही ब्रह्म को धारण करने वाला और मदासुर का संहारक है। इस अवतार का वाहन मूषक है।

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3. महोदर अवतार

गणेशजी के महोदर अवतार भी ज्ञानब्रह्म का प्रतीक माना जाता है, जिनका का वाहन मूषक है। श्री गणेश ने ये अवतार मोहासुर का वध करने हेतु लिया था।

4. गजानन अवतार

भगवान गणेश का गजानन अवतार सांख्य योगियों को सिद्धि देने वाला है। क्योंकि यह अवतार खुद सांख्य ब्रह्म का धारक है। भगवान गणेश ने इस अवतार में लोभासुर का वध किया था। विद्वानों के अनुसार इस अवतार का वाहन भी मूषक ही है।

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5. लम्बोदर अवतार

भगवान गणेश ने अपने पांचवें अवतार यानी लम्बोदर में क्रोधासुर नामक राक्षस का वध किया था। यह अवतार ब्रह्म की सत्य स्वरूपा शक्ती का धारक है और इसकी सवारी भी मूषक ही बतायी जाती है।

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6. विकट अवतार

भगवान गणेश के विकट अवतार के द्वारा कामासुर का संहार हुआ था। भगवान का यह अवतार सौरब्रह्म को धारण करता है और इनकी सवारी मयूर, यानी मोर बतायी जाती है।

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7. विघ्नराज अवतार

भगवान श्रीगणेश का विघ्नराज अवतार भगवान श्री विष्णु और ब्रह्मा का वाचक है। शेषनाग की सवारी करने वाला है और ममतासुर का संहार करने वाला है।

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8. धूम्रवर्ण अवतार

भगवान गणेश के आठवें अवतार, यानी धूम्रवर्ण के द्वारा अभिमान नामक असुर का संहार हुआ था। भगवान गणेश का धूम्रवर्ण अवतार, शिव ब्रह्म धारक है। इनकी सवारी मूषक बताया जाता है।

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