Navratri 2nd day: नवरात्रि के दूसरे दिन ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, यहां जानिए पूजा विधि और मंत्र
Shardiya navratri 2023: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर, दिन रविवार से होने जा रहा है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा का विधान है।
मान्यता है कि पूरे नवरात्रि के दौरान मां की विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने से घर में समृद्धि आती है।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पूरे नौ दिन तक मनाया जाएगा। इस बार दूसरे दिन की पूजा 16 अक्टूबर को की जाएगी।
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ‘ब्रह्मचारिणी’ की पूजा (maa brahmacharini ki puja) का विधान है।
मां का नाम ‘ब्रह्मचारिणी’ दो शब्द ‘ब्रह्म’ और ‘चारिणी’ से मिलकर बना है। जहां ‘ब्रह्म’ का अर्थ है तपस्या, वहीं ‘चारिणी’ का अर्थ है आचरण करने वाली।
अर्थात, ब्रह्मचारिणी का शाब्दिक अर्थ है, ‘तप का आचरण करने वाली’। महादेव को अपने पति के रूप में पाने के लिए की गई कठोर तपस्या के कारण ही देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप (brahmacharini avtar) का आविर्भाव हुआ था।
आइए अब यहां जानते हैं कि माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और मंत्र क्या है?
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि (maa brahmacharini puja vidhi)
- नवरात्रि के दूसरे दिन स्नानादि से निवृत्त होकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें।
- कलश के पास ही मां शैलपुत्री की प्रतिमा के बगल में मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा को स्थापित करें।
- माता को सबसे पहले पंचामृत से स्नान कराएं।
- इसके बाद रोली, अक्षत, चंदन आदि अर्पित करें।
- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में गुड़हल या कमल के फूल का ही प्रयोग करें।
- अंत में ब्रह्मचारिणी माता की आरती उतारें और दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
मां ब्रह्मचारिणी के लिए भोग (Maa Brahmacharini Ka Bhog)
नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी को चीनी, सफेद मिठाई या मिश्री का भोग लगाया जाता है। इस दिन, आप घर पर काजू की बर्फी भी बना सकते हैं। इससे व्यक्ति को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है और आरोग्य प्राप्त होता है। ऐसा करने से परिवार के लोगों में सुख शांति बनी रहती है और घर में सुख समृद्धि का वातावरण बना रहता है।
मां ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र (Maa Brahmacharini Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
मां ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Brahmacharini ki Aarti)
पूजा संपन्न होने के बाद मां ब्रह्मचारिणी की आरती का पाठ करें।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
वामा के माध्यम से करें नवरात्रि की पूजा
व्यापार में वृद्धि, नौकरी में उन्नति, सुख, समृद्धि और घर में लक्ष्मी के स्थायी वास के साथ अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति प्राप्त करने के लिए नवरात्रि के दूसरे दिन VAMA द्वारा माता विंध्यवासिनी शक्तिपीठ, उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाली कुमकुम अर्चन पूजा और महायज्ञ में जरूर भाग लें।
ये तो थी, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और मंत्रों (Maa Brahmacharini Ki Puja Vidhi) की बात। ऐसे ही सनातन धर्म की अन्य पूजा और मंत्रों की जानकारी के लिए वामा ऐप से जुड़े रहें।