शनि साढे़ साती, महादशा शांति महायज्ञ

शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति के लिए करें ये पूजा, शनि देव होंगे प्रसन्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की साढ़े साती से पीड़ित व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, परिवारिक के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

न्याय देवता शनि देव को कर्मों का फल देने वाला देवता कहा जाता है। भगवान सूर्य के पुत्र शनिदेव व्यक्ति को उसके कामों के अनुसार शुभ या अशुभ फल देते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह को नवग्रहों में सबसे सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। शनि को 12 राशियों में घूमने में करीब 30 साल का वक्त लगता है।

शनि हर राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर व्यक्ति को जीवन में एक बार शनि की साढ़े साती का जरूर सामना करना पड़ता है।

ऐसे में साढ़े साती के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए आपको देश के सबसे प्रतिष्ठित शनिदेव मंदिर शनि शिंगणापुर में वामा द्वारा आयोजित शनि साढे़ साती, महादशा शांति महायज्ञ में अवश्य भाग लेना चाहिए।

शनि साढे़ साती, महादशा शांति पूजा के लाभ

जीवन में उन्नति और सफलता

शनि दोष की शांति के बाद जीवन में शनि देव की कृपा आने लगती है। व्यक्ति के जीवन में उन्नति और कार्यों में सफलता मिलने लगती है। इस पूजा से शनि देव प्रसन्न होकर मनचाहा आशीर्वाद देते हैं।

शनि की महादशा में अच्छे परिणाम

यदि आपकी कुंडली में शनि की महादशा चल रही है, तो आप नौकरी, व्यापार या रिलेशनशिप की समस्या से परेशान हो सकते हैं। शनि शांति महायज्ञ से आपको शनिदेव की कृपा प्राप्त होगी।

साढ़े साती या शनि दोष से मुक्ति

साढ़े साती या कुंडली में शनि दोष होता है तो व्यक्ति के सभी काम अटकते हैं और बार-बार असफलता हाथ लगती है। इस पूजा से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

बीमारी और अकाल मृत्यु से बचाव

शनि शांति महायज्ञ आपको लंबी बीमारी से बचाता है। वहीं कुंडली में दुर्घटना या अकाल मृत्यु के दोष को भी दूर कर देता है। इससे व्यक्ति आत्मविश्वासी भी बनता है और हर जगह बिगड़ने वाले काम बनने लगते हैं।

शनि की साढ़े साती से मुक्ति, शनि दोष की शांति, शनि ढैय्या की परेशानी से मुक्ति, जीवन में शांति, समृद्धि और उन्नति के लिए वामा ऐप की ओर से आयोजित 30 सितंबर 2023 को शनि शांति महायज्ञ में भाग लें।