रुद्राभिषेक क्या होता है? जानिए पूजा की विधि
Rudrabhishek puja: भगवान शिव जितना भोले हैं उतना ही रौद्र भी है। इन अवतारों में रुद्र अवतार का बड़ा महत्व है। शिव पुराण के अनुसार रुद्र अवतार को “विध्वंसक” के रूप में जाना जाता है।
लेकिन ऐसा नहीं है, भगवान भोलेनाथ का इसी रुप का अभिषेक करने से वो बेहद प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। इसी पूजा का रुद्राभिषेक पूजा (rudrabhishek puja) कहते हैं।
तो चलिए यहां जानते हैं, रुद्राभिषेक पूजा क्या है? और इस पूजा से लोगों को क्या लाभ होता है?
रुद्राभिषेक पूजा (rudrabhishek puja) करवाने से कुंडली में चंद्र ग्रह की शांति होती है तथा देवों के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह अशांत हो तो उस व्यक्ति को मानसिक चिंताओं और तनाव का सामना करना पड़ता है, ऐसे में रुद्राभिषेक पूजा (rudrabhishek puja) करवाने से व्यक्ति को समस्त मानसिक पीड़ाओं से मुक्ति तथा शांति प्राप्त होती है।
भगवान राम ने भी रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए रामेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा की थी। रुद्राभिषेक से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने राम जी को विजयी होने का आशीर्वाद दिया था।
रुद्राभिषेक पूजा (rudrabhishek puja) करने से भगवान शिव जी हमारी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। साथ ही हमें सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
रुद्राभिषेक पूजा (rudrabhishek puja)
रुद्राभिषेक का अर्थ है- भगवान रुद्र का अभिषेक करना।
रुद्राभिषेक में भगवान शंकर के रुद्र अवतार की पूजा की जाती है। रुद्राभिषेक में शिवलिंग को पवित्र स्नान कराकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।
रुद्राभिषेक मुख्यतः 6 प्रकार से किया जा सकता है।
- जल से अभिषेक
- शहद से अभिषेक
- दही से अभिषेक
- दूध से अभिषेक
- पंचामृत से अभिषेक
- घी से अभिषेक।
रुद्राभिषेक पूजा के लिए आवश्यक सामाग्री (rudrabhishek samagri)
- शुद्ध जल
- घी
- पान
- सुपारी
- नारियल
- गन्ने का रस
- दूध
- दही
- शहद
- गुलाबजल
- कपूर
- श्रृंगी
- बिल्वपत्र
- मेवा
- मिठाई
- दीपक
- बत्ती
- अगरबत्ती
- धुप
- मौली
- भांग
- धतूरा इत्यादि।
रुद्राभिषेक पूजा के लाभ (rudrabhishek puja benefits)
- रुद्राभिषेक पूजा करने से भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- रुद्राभिषेक करने से अकाल मृत्यु और लंबी बीमारी का डर दूर हो जाता है।
- रुद्राभिषेक पूजा से घर से नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मकता आती है।
- रुद्राभिषेक करने से इस जन्म के साथ पिछले जन्म के भी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- भगवान रूद्र में सभी देवताओं का वास होता है इसलिए जब हम रुद्राभिषेक करते है तो सभी देवता प्रसन्न होते हैं।
- किसी व्यक्ति के यदि कालसर्प योग लगा हो तो उसे रुद्राभिषेक करना चाहिए इससे कालसर्प योग का प्रभाव दूर होता है।
- यदि सावन के महीने में रुद्राभिषेक करते है तो यह अति फलदायी होता है।
रुद्राभिषेक मंत्र (Rudrabhishek Mantra)
ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च
मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च॥
ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति
ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय्॥
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः॥
वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो
रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः
बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः॥
सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः।
भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः॥
नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा।
भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम:॥
यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योsखिलं जगत्।
निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम्॥
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात्॥
सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु। पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम:॥
विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत्। सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु॥
रुद्राभिषेक पूजा की विधि (rudrabhishek puja vidhi)
- रुद्राभिषेक पूजा में शिवलिंग का होना अति अवाश्यक होता है।
- यदि संभव हो तो रुद्राभिषेक शिव मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर ही करें।
- यदि आप घर में रुद्राभिषेक करना चाह रहे है तो शिवलिंग की स्थापना उत्तर दिशा में करें।
- रुद्राभिषेक सदैव पूर्व की दिशा में मुख करके करें।
- शिवलिंग के साथ पूर्व दिशा में एक चौकी पर गणेश जी एवं नवग्रहों की फोटो/मूर्ति अवश्य रखें।
- रुद्राभिषेक शुरू होने से पहले ही पूजन सामग्री एवं अन्य तैयारियां कर लें।
- रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से पहले भगवान गणेश जी का पूजन करें
- भगवान गणेश को तिलक, चावल, फूल, नैवेद्य, दूर्वा और दक्षिणा अर्पित करें।
- साथ ही नवग्रह की पूजा करें।
- अब भगवान शंकर की पूजा करें, उन्हें तिलक आदि लगाएं
- बिल्वपत्र पर चन्दन से ॐ बनाकर भगवान शिव को अर्पित करें
- रुद्राभिषक पूजा में कई मंत्रों का उच्चारण होता है अतः पूजा अनुभवी पंडित द्वारा ही कराएं।
- इसके लिए आप वामा ऐप के वेदाचार्यों का भी सहारा ले सकते हैं।
वामा के माध्यम से करें ऑनलाइन पूजा
यदि आप रुद्राभिषेक पूजा (rudrabhishek puja) करना चाहते हैं और इसके लिए आप पंडित या मंदिर की तलाश कर रहे हैं। तो आप वामा ऐप (VAMA APP) के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन रुद्राभिषेक पूजा कर सकते हैं।
अगर आप भी कारोबार और नौकरी में तरक्की, मानसिक शांति, कष्टमुक्त जीवन और समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो VAMA द्वारा आयोजित होने वाली रुद्राभिषेक पूजा में अवश्य भाग लें।
पूजा के दौरान आपके नाम और गोत्र का उच्चारण किया जाएगा। साथ ही अनुष्ठान (पूजा) संपन्न हो जाने के बाद महाप्रसाद आपके पते पर पहुंचाया जाएगा।
ये तो थी, रुद्राभिषेक पूजा विधि और मंत्र (rudrabhishek puja vidhi & Mantra) की जानकारी। ऐसे ही सनातन धर्म की अन्य पूजाएं और अनुष्ठानों की जानकारी के लिए वामा ऐप (Vama App) से जुड़े रहें।