Kuber Chalisa : धनवर्षा और ऋणमुक्ति के लिए करें इसका पाठ
Kuber Chalisa : कुबेर को धन और संपत्ति के देवता माना जाता है, और उनकी पूजा से आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। कुबेर चालीसा भगवान कुबेर की स्तुति और उपासना के लिए लिखा गया एक पवित्र पाठ है। आप इसे नियमित रूप से पढ़ सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं कुबेर स्तुति के लिए श्री कुबेर चालीसा।
आइए, कुबेर चालीसा के लाभों के बारे में जानने से पहले ये जान लेते है कि कुबेर भगवान कौन हैं?
श्री कुबेर भगवान कौन हैं (Sri Kuber Bhagwan Koun Hai)
कुबेर ऋषि मुनि विश्रवा और देववर्णिनी के पुत्र हैं। इन्होनें शिव की घनघोर तपस्या से यक्षों के राजा होने का गौरव प्राप्त किया है। इन्हें धन का देवता माना गया है। कुबेर जी का निवास स्थान पौराणिक नगर अलकापुरी है। इनकी सवारी नेवला है। जो भी श्रद्धापूर्वक श्री कुबेर की आराधना करता है, उसे अथाह सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
कुबेर चालीसा के लाभ (Shree Kuber Chalisa ke Labh)
क्योंकि कुबेर धन के देवता हैं इसलिए उनकी कृपा से कभी भी रुपयों पैसों की किल्लत नहीं रहती है। कुबेर चालीसा (Kuber Chalisa) के अन्य लाभ नीचे पढ़ें –
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पूजा का नाम | मंदिर (स्थान) |
ऋण मुक्ति पूजा | ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन) |
शनि साढे़ साती | शनि शिंगणापुर देवस्थानम, महाराष्ट्र |
राहु ग्रह शांति पूजा | जरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज |
माँ बगलामुखी महापूजा | माँ बगलामुखी धाम, उज्जैन |
पितृ दोष शांति एवं त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा | धर्मारण्य तीर्थ, गया, बिहार |
- आर्थिक समृद्धि मिलती है
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कुबेर की कृपा से व्यक्ति को अचानक धन की प्राप्ति होती है। नियमित कुबेर चालीसा पढ़ने से आय के स्रोत बढ़ने लगते हैं।
- ऋण मुक्ति
जो लोग कर्ज़ में फंसे होते हैं, उनके लिए कुबेर चालीसा (Kuber Chalisa) का नियमित पाठ अत्यंत लाभकारी माना जाता है। भगवान कुबेर की कृपा से व्यक्ति कर्ज़ से मुक्ति पा सकता है और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकता है।
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- सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
कुबेर चालीसा का पाठ करने से घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। तरक्की में आने वाली रुकावट दूर होती जाती है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति
कुबेर चालीसा का पाठ केवल भौतिक लाभ ही नहीं देता, बल्कि इससे धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। व्यक्ति के जीवन में भक्ति का संचार होता है।
- वास्तु दोषों का निवारण
कुबेर चालीसा (Kuber Chalisa) के नियमित पाठ से घर में मौजूद वास्तु दोषों का निवारण होता है। घर में धन आता रहता है और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कुबेर चालीसा (Kuber Chalisa)
कुबेर चालीसा का पाठ न केवल धन-संपत्ति की प्राप्ति में सहायक होता है, बल्कि ये मानसिक शांति भी देता है। इसलिए आप श्रद्धापूर्वक इस चालीसा का पाठ करें। आप इस ब्लॉग से कुबेर चालीसा pdf भी डाउनलोड कर सकते हैं।
॥दोहा॥
जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥
विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर।
भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर॥
॥ चौपाई ॥
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी।
धन माया के तुम अधिकारी॥
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी।
पवन वेग सम सम तनु बलधारी॥
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी।
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी॥
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी।
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी॥
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं।
युद्ध करैं शत्रु को मारैं॥
सदा विजयी कभी ना हारैं।
भगत जनों के संकट टारैं॥
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता।
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता॥
विश्रवा पिता इडविडा जी माता।
विभीषण भगत आपके भ्राता॥
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया।
घोर तपस्या करी तन को सुखाया॥
शिव वरदान मिले देवत्य पाया।
अमृत पान करी अमर हुई काया॥
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में।
देवी देवता फिरैं साथ में॥
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में।
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में॥
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं।
गदा त्रिशूल हाथ में साजैं॥
शंख मृदंग नगारे बाजैं।
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं॥
चौंसठ योगनी मंगल गावैं।
ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं॥
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं।
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं॥
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं।
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं॥
पुरुषोंमें जैसे भीम बली हैं।
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं॥
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं।
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं॥
नागों में जैसे शेष बड़े हैं।
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं॥
कांधे धनुष हाथ में भाला।
गले फूलों की पहनी माला॥
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला।
दूर दूर तक होए उजाला॥
देव कुबेर को जो मन में धारे।
सदा विजय हो कभी न हारे॥
बिगड़े काम बन जाएं सारे।
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे॥
कुबेर गरीब को आप उभारैं।
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं॥
कुबेर भगत के संकट टारैं।
कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं॥
शीघ्र धनी जो होना चाहे।
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं॥
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं।
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं॥
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं।
अड़े काम को कुबेर बनावैं॥
रोग शोक को कुबेर नशावैं।
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं॥
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे।
कुबेर गिरे को पुन: उठा दे॥
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे।
कुबेर भूले को राह बता दे॥
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे।
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे॥
रोगी का रोग कुबेर घटा दे।
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे॥
बांझ की गोद कुबेर भरा दे।
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे॥
कारागार से कुबेर छुड़ा दे।
चोर ठगों से कुबेर बचा दे॥
कोर्ट केस में कुबेर जितावै।
जो कुबेर को मन में ध्यावै॥
चुनाव में जीत कुबेर करावैं।
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं॥
पाठ करे जो नित मन लाई।
उसकी कला हो सदा सवाई॥
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई।
उसका जीवन चले सुखदाई॥
जो कुबेर का पाठ करावै।
उसका बेड़ा पार लगावै॥
उजड़े घर को सुरंग बसावै।
शत्रु को भी मित्र बनावै॥
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई।
सब सुख भोद पदार्थ पाई॥
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई।
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई॥
॥दोहा॥
शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर, कर दो दूर अंधेर॥
कर दो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर।
शरण पड़ा हूं आपकी, दया की दृष्टि फेर॥
कुबेर चालीसा pdf
हमारे इस ब्लॉग में आपने कुबेर चालीसा (Kuber Chalisa) के लाभ के बारे में जाना। आशा है आपको ये ब्लॉग पसंद आया होगा। धर्म संसार और ज्योतिषीय जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग्स पढ़ते रहें।