Aaj Ki Tithi, 1 September 2024: आज कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि, जानें आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

पंचांग के अनुसार 1 सितंबर को दिन रविवार, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। अगर आप किसी कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय आदि नोट कर लें।

आज का पंचांग | Aaj ki tithi kya hai | 1 September Ka Panchang

Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार 1 सितंबर को दिन रविवार, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आज अश्लेषा नक्षत्र और परिघ योग का संयोग रहेगा। आज चंद्रमा कर्क राशि में मौजूद रहेंगे। 

यदि आप भी आज के दिन किसी शुभ कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो यहां से आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय आदि अवश्य नोट कर लें। 

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पूजा का नाममंदिर (स्थान)
ऋण मुक्ति पूजाऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन)
शनि साढे़ सातीशनि शिंगणापुर देवस्थानम, महाराष्ट्र
राहु ग्रह शांति पूजाजरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज
माँ बगलामुखी महापूजामाँ बगलामुखी धाम, उज्जैन
पितृ दोष शांति एवं त्रिपिंडी श्राद्ध पूजाधर्मारण्य तीर्थ, गया, बिहार

तो आइए, VAMA के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य देव से जानते हैं- आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय और आज की तिथि क्या है?

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang, 1 September 2024)

आज की तिथिचतुर्दशी5:23 AM तक, तदोपरांत अमावस्या तिथि
नक्षत्रअश्लेषा9:50 PM तक
योगपरिघ5:49 PM तक
करणविष्टि4:31 PM तक
वाररविवार
महीना अमान्तश्रावण
महीना पूर्णिमांतभाद्रपद
विक्रम संवत2081 (पिंगल)
शक संवत1946 (क्रोधी)
सूर्य राशिसिंह
चंद्र राशिकर्क
दिशाशूलपश्चिमआज इस दिशा में लंबी यात्रा करने से बचें।
चंद्र निवासउत्तर
ऋतुवर्षा
अयनदक्षिणायन

आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय (aaj ka shubh muhurat & Rahu Kaal ka samay)

वैदिक पंचांग में शुभ-अशुभ मुहूर्त वह समय होता है जिसमें ग्रह और नक्षत्र उस स्थान के अनुसार सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देते हैं। अतः हमें सार्थक परिणाम के लिए किसी महत्वपूर्ण कार्यों को अभिजीत (शुभ) मुहूर्त में ही शुरुआत करनी चाहिए।   

आज का शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त)11:34 AM से 12:24 PM
गुलिक काल3:08 PM से 4:43 PM
राहुकाल का समय4:43 PM से 6:18 PM
यमघण्टकाल11:59 AM से 1:33 PM

आइए, अब हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) को विस्तार से समझ लेते हैं। 

पंचांग के पांच अंग (पंचांग क्या होता है)

हिंदू कैलेंडर को वैदिक पंचांग के नाम से जाता है। इसके पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण प्रमुख हैं। जिसके आधार पर आज की तिथि (Today Tithi), शुभ मुहूर्त और राहुकाल आदि की गणना की जाती है।

1. तिथि

हिंदू कैलेंडर चंद्रमास पर आधारित है। जिसमें दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष होता है। यह 15-15 दिनों का होता है। विक्रम संवत गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। 

ये 15 तिथियां क्रमशः प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या/पूर्णिमा है।

2. नक्षत्र

आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 

ये 27 नक्षत्र क्रमशः अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र हैं।

3. वार: 

हिंदू कैलैंडर में वार का आशय दिन से है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों कैलेंडर के सप्ताह में 7 दिन हैं। 

ये 7 वार क्रमशः रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार है। 

4. योग: 

नक्षत्र की तरह योग की संख्या भी 27 है। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। 

ये 27 योग क्रमशः विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति है।

5. करण: 

हिंदू पंचांग के अनुसार एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में, कुल 11 करण होते हैं। 

ये 11 करण क्रमशः बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न है। 

Note- सभी मुहूर्त और पंचांग का जानकारी वाराणसी (काशी) शहर के अनुसार दी गई है। 

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