Santan Prapti ke Upay: संतान प्राप्ति में आ रही है बाधा, तो करें ये उपाय
Santan Prapti ke Upay: क्या आपको संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है या कुण्डली दोष के कारण सन्तान प्राप्ति में देरी हो रही है, तो आपको बाल गोपाल संतान प्राप्ति पूजा में अवश्य भाग लेना चाहिए।
तो आइए, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ देव से जानते हैं संतान प्राप्ति के उपाय क्या हैं, साथ ही जानेंगे- संतान प्राप्ति में बाधा के कारण और निवारण
सन्तान प्राप्ति जीवन की ऐसी कामना है, जिसके लिए आज हर दूसरा नव दंपत्ति परेशान है। धर्म शास्त्र में पुम नामक नरक से बचने के लिए पुत्र की कामना की जाती है। सन्तान उत्पन करना किसी भी महिला के लिए हर्ष का विषय होता है।
एक महिला का स्त्रीत्व सन्तान उत्पत्ति से बनता है। इस लिए देखा जाता है, कि महिलाएं ही ऐसी परेशानी के कारण अधिक परेशान होती हैं।
गर्भाधान हो कर बार-बार गर्भ का खराब होना भी एक ऐसी ही गम्भीर समस्या है, जिसके लिए उपाय किया जा सकता है। गर्भ के बार-बार खराब होने के विषय में भी ज्योतिष शास्त्र में योग बताए गये हैं। इनका पता कर के उपाय करने से जल्दी ही स्वस्थ सन्तान की प्राप्ति होती है।
सन्तान बाधा के ज्योतिषीय योग
ज्योतिष शास्त्र में सन्तान प्राप्ति के योगों को लेकर हर ग्रन्थ में चर्चा हुई है। ज्योतिष शास्त्र के 18 प्रवर्तक ऋषि हुए हैं, जिसमे फलित ग्रंथों में सबसे पहले नाम पराशर ऋषि का आता है।
इन्होने अपने ग्रन्थ पराशर होरा शास्त्र में सन्तान बाधा के लिए श्राप शब्द का प्रयोग किया है। इन्होने पितृ श्राप, मातृ श्राप, भाई का श्राप, मामा का श्राप, सांप का श्राप, भार्या का श्राप आदि का वर्णन किया है। जिसके कारण सन्तान प्राप्ति में बाधा आती हैं।
सन्तान बाधा में अलग-अलग श्राप के लिए ग्रह स्थिती का वर्णन किया गया है। जिसके उपाय कर के सन्तान प्राप्ति के लिए यत्न किया जा सकता है। ये श्राप पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार प्राप्त होते हैं।
पूर्व जन्मों में अपने रिश्तों में आई दूरी के कारण ऐसे श्राप कुण्डली के द्वारा पता लगते हैं। उपाय के रूप में हमे सबसे पहले अपने उन्ही रिश्तों का ध्यान रखना जरुरी है, जिसके कारण ऐसे श्राप का निर्माण होता है।
सन्तान प्राप्ति के उपाय (santan prapti ke upay)
सन्तान प्राप्ति के लिए ज्योतिष शास्त्र में राशि के अनुसार उपाय बताए गए हैं।किस राशि वालों को क्या उपाय करने से सन्तान प्राप्त होगी। आइए जानते हैं इस ब्लॉग से।
मेष राशि
मेष लग्न के लोगों को भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और जरूरतमंद, लोगों को लाल दाल का दान करना चाहिए।
वृषभ राशि
वृषभ लग्न के लोगों को संतान प्राप्ति बाधा करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। गेहूं का दान करना चाहिए।
मिथुन राशि
मिथुन लग्न के लोगों को भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। चावल का दान करें।
कर्क राशि
कर्क लग्न के लोगों को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। दूध का दान करने से लाभ होगा।
सिंह राशि
कर्क लग्न के लोग रोज भगवान सूर्य की उपासना करें और मिठाई का दान करें।
कन्या राशि
कन्या लग्न के लोगों को मां लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए और तिल का दान करना चाहिए।
तुला राशि
तुला लग्न के लोगों को भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और हरी सब्जियों का दान करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक लग्न के लोगों को भगवान यम की पूजा करनी चाहिए। आपको काले तिल के बीजों का दान करना चाहिए।
धनु राशि
धनु लग्न वाले लोगों को भगवान राम की पूजा करनी चाहिए और गुड़ का दान करना चाहिए।
मकर राशि
मकर लग्न के लोगों को कुबेर देवता की पूजा करनी चाहिए। तांबे के सिक्कों का भी दान करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लोगों को भगवान वरुण की पूजा करनी चाहिए और जल का दान करना चाहिए।
मीन राशि
मीन लग्न के लोगों को भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए और मछली को खाना खिलाएं।
सन्तान प्राप्ति के लिए औषधि
सन्तान प्राप्ति के लिए आयुर्वेद में जड़ी बूटी के प्रयोग उपाय रूप में बताए गए हैं। जिनके प्रयोग से शरीर के विकार ठीक हो कर सन्तान प्राप्ति की बाधा दूर हो कर, जल्दी ही सन्तान प्राप्ति होती है। कुछ औषधि हमारे आस पास ही उपलब्ध होती हैं, परन्तु उनके प्रयोग की जानकारी के बिना हम उनका प्रयोग नही कर पाते। अब हम आपको ऐसी ही औषधियों के बारे में बता रहे हैं।
पुत्र जीवी
पुत्र जीवी के बीज आसानी से मिल जाते हैं। इसके प्रयोग से पुरुष के शरीर की वीर्य की कमजोरी दूर होती है। जिससे गर्भाधान में मदद मिलती है।
शिवलिंगी के बीज
शिवलिंगी के बीज खाने से महिलाओं के रज की गुणवत्ता अच्छी होती है। जिस से गर्भाधान होने में मदद मिलती है।
शिलाजीत
शिलाजीत पुरुषों में शारीरिक कमजोरी को दूर कर के सन्तान उत्त्पति की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके प्रयोग से पुरषों में वीर्य की पुष्टि में वृद्धि होती है। जिस से गर्भाधान करने में मदद मिलती है।
किशमिश और छुवारे
किशमिश और छुवारे 2 ऐसी वस्तु हैं, जो हमारे घरों में ही मिल जाती है। इनको खाने से होता है शरीर की बहुत सी कमजोरी का इलाज़ और सन्तान उत्पत्ति में मदद मिलती है।
आयुर्वेद में बहुत से ऐसे उपाय और भी बताए गये हैं। जिसने सन्तान उत्पत्ति में मदद मिलती है, योग और खान पान में सुधार कर के जल्दी ही सन्तान प्राप्ति की जा सकती है।
सन्तान प्राप्ति के लिए मंत्र (Santan Prapti Mantra)
सन्तान प्राप्ति के लिए शारीरिक योग्यता के साथ अगर भाग्य का सहयोग लिया जाये तो जल्द ही सन्तान की कामना पूरी की जा सकती है। धर्म शास्त्र के ग्रंथों में बहुत से ऐसे मन्त्र और विधान बताए गए हैं, जिनके प्रयोग से जल्दी ही सन्तान की प्राप्ति की जा सकती है। आपको बता रहे हैं ऐसे मन्त्र और उनका प्रयोग जिनसे जल्दी ही सन्तान की प्राप्ति की जा सकती है।
ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
ऊँ कृष्णाय विद्महे दामोदराय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः।
इन सभी मन्त्रों का जाप करने का विधान अलग-अलग है और सबकी जप संख्या भी अलग अलग होती है,
सन्तान प्राप्ति मंत्रो की जानकारी आप VAMA के ज्योतिषाचार्य से बात कर के प्राप्त कर सकते हैं। निःशुल्क बात करने के लिए अभी डाउनलोड करें VAMA app
सन्तान प्राप्ति के लिए व्रत
सन्तान प्राप्ति जीवन के परम सुख की प्राप्ति कहा जाता है। जब तक दंपत्ति को सन्तान का सुख प्राप्त नहीं होता उनका जीवन अधूरा होता है। माँ बाप बनने का सुख हर किसी के भाग्य में नही होता परन्तु जिस पर भगवान की कृपा हो जाए, तो बाँझ स्त्री को भी पुत्र रत्न की प्राप्ति हो जाती है। सबकी गोद में सन्तान हो सबको सन्तान का सुख मिले उसके लिए आपको कुछ ऐसे व्रत बता रहे हैं, जिनके करने से सन्तान सुख की प्राप्ति होती है।
होली का व्रत
होलिका की कहानी हम सब जानते हैं। होली के दिन व्रत करने से जल्दी ही प्रहलाद जैसा पुत्र प्राप्त होता है। इस दिन व्रत करने से प्राप्त सन्तान की दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है। साथ ही सन्तान के रोगों का निवारण भी होता है।
सोमवार का व्रत
सोमवार का व्रत भगवान शिव जी को समर्पित है। इस दिन व्रत करने से ऐसे तो सभी मनोकामना पूरी होती हैं। इसके साथ-साथ अगर सोमवार का व्रत सन्तान की कामना के लिए किया जाए, तो सन्तान की कामना करने वालों को सन्तान की प्राप्ति होती है।
पुत्रदा एकादशी व्रत
साल भर में 24 एकादशी का विधान है। इसी में एक होती है पुत्रदा एकादशी। ये व्रत पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। इस दिन व्रत करने से बाँझ स्त्री को भी सन्तान की प्राप्ति होती है। इस दिन विष्णु भगवान जी के लिए व्रत किया जाता है।
यशोदा जयंती व्रत
फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला ये व्रत बहुत शक्ति शाली है। इस दिन व्रत करने से माँ यशोदा जी की तरह भगवान श्री कृष्ण जी जैसा तेजस्वी पुत्र प्राप्त होता है।
अहोई अष्टमी व्रत
कार्तिक माह में करवा चौथ के चौथे दिन और दीपावली से आठ दिन पहले ये व्रत मनाया जाता है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर ये व्रत किया जाता है। इस व्रत के करने से पुत्रवती स्त्री को पुत्र का सुख और सन्तान की कामना करने वाली महिलाओं को सन्तान सुख प्राप्त होता है। ये व्रत ध्रुव तारे को देख कर व्रत खोला जाता है। कामना की जाती है की सन्तान भी ध्रुव तारे की तरह चमकती रहे।
सन्तान प्राप्ति के लिए शारीरक सामर्थ्य, और भाग्य दोनों का साथ होना जरुरी है। जीवन में परेशानी का पता ना होने के कारण हम दुखी रहते हैं। कारण पता लगने पर उपाय कर के सन्तान सुख प्राप्त किया जा सकता है।
VAMA लेकर आया है सन्तान प्राप्ति के लिए बाल गोपाल संतान प्राप्ति पूजा जिसके करने से पूरी होगी आपकी सन्तान प्राप्ति की इच्छा