किन कारणों से बनता है दो या दो से अधिक विवाह का योग? जानें ज्योतिष उपाय
Vivah ka yog: जीवन साथी धोखा तो नहींं दे रहा? रिश्ता टूटने का डर तो नहींं सता रहा? जीवन साथी दूसरी शादी की धमकी तो नहींं देता? कहीं आपकी कुण्डली में दो शादी का योग तो नहींं? कब बनता है कुण्डली में दो शादी का योग?
VAMA द्वारा आयोजित ऑनलाइन पूजा में भाग लें (अपने नाम और गोत्र से पूजा संपन्न कराएं) | ||
पूजा का नाम | मंदिर (स्थान) | पूजा लिंक |
ऋण मुक्ति पूजा | ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन) | क्लिक करें |
माता कामाख्या महापूजा | माता कामाख्या शक्तिपीठ (गुवाहाटी) | क्लिक करें |
आइए, VAMA के ज्योतिष आचर्य देव से जानते हैं।
जीवन बहुत बड़ा है। इस जीवन में घटने वाली घटना जीवन पर असर डालती हैं। आज की घटना आने वाले कल को बदल सकती हैं। आज के लिए हुए निर्णय पूरे जीवन पर असर डालते हैं। महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हमे बहुत सोच विचार करना पड़ता है। परन्तु जीवन का हर निर्णय सही हो ऐसा होना संभव नहीं। इसी क्रम में जीवन में एक बहुत महतवपूर्ण निर्णय विवाह का होता है। ये जीवन का एक ऐसा निर्णय है। अगर सही हो जाए तो अच्छा, नहीं तो पूरे जीवन को दुखों से भर देता है।
ज्योतिषी से अपनी कुंडली दिखा कर अगर निर्णय लिया जाए तो जीवन के कष्टों को कम किया जा सकता है। कुछ ग्रह दो या अधिक शादी के योग बनाते हैं।
ऐसे ही महत्वपूर्ण योग को हम यहां बता रहे हैं।
अगर आपकी कुंडली में भी ऐसे ही योग हैं। तो आपको किसी ज्योतिषी की मदद से विचार कर के ही शादी जैसे महत्वपूर्ण फैसले लेने चाहिए।
जानें, कैसे बनता है दो या अधिक विवाह का योग (jaane kin karno se banta hai kundali main do vivah ka yog)
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में क्रूर ग्रहों का प्रभाव सप्तम भाव पर होता है तो दो विवाह का योग बनता है।
- कुंडली के सप्तम भाव के स्वामी का 6, 8, 12वें भाव में होने से दो विवाह का योग बनता है।
- मांगलिक होने की 1, 4, 7, 8,12 क्रम के भावों की स्थित्ति में जब क्रूर ग्रहों का योग हो तो दो विवाह का योग बनता है।
- सप्तम भाव का स्वमी जब चतुर्थ भाव में हो, तो एक रिश्ता टूट कर दूसरा रिश्ता हो ऐसा योग बनता है।
- सप्तम भाव में शनि ग्रह के होने से और क्रूर ग्रहों की दृष्टी होने से दो शादी का योग बनता है।
- शुक्र सप्तम भाव का कारक हो और राहु, शनि, मंगल, सूर्य जैसे क्रूर गह्रों के साथ पाप भाव में बैठा हो, तो रिश्ते में धोखा मिले ऐसा योग बनता है।
- सप्तम भाव में शनि और मंगल का योग बने तो लव मैरिज का योग बनता है।
कुण्डली मिलान के नियमों का पालन करना बहुत जरुरी है। अगर कुंडली मिलान ठीक से नहीं होता है, तो जीवन में घटने वाला घटना क्रम बिगड़ जाता है।
प्रेम जीवन में सफलता और सफल वैवाहिक जीवन के लिए वामा द्वारा आयोजित इन पूजाओं में भाग लें।