Navratri 6th Day: नवरात्रि के छठें दिन ऐसे करें कात्यायनी माता की पूजा, जानिए पूजा विधि और मंत्र
Shardiya Navratri 2023: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुभारंभ हो रहा है और छठें दिन की पूजा 20 अक्टूबर को संपन्न होगी। नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी देवी की पूजा (Maa Katyayani Ki Puja Vidhi) का विधान है।
देवी कात्यायनी (Maa Katyayani) का स्वरूप अत्यंत उज्ज्वल और ज्योतिर्मय है। इस स्वरूप में देवी की चार भुजाएं हैं। देवी कात्यायनी का वाहन सिंह है।
मान्यता है, कि देवी कात्यायनी की पूजा में लाल और सफेद रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ होता है। देवी कात्यायनी का ध्यान गोधूलि बेला में किया जाना चाहिए।
मान्यता है कि मां कात्यायनी के चरणों में अपना सब कुछ समर्पित करते हुए उनकी आराधना करने वाले भक्तों को उनके दर्शन प्राप्त हो जाते हैं। देवी के इस स्वरूप के पूजन से भक्तों में एक अद्भुत शक्ति का संचार होता है।
तो चलिए यहां जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि के छठें दिन (Navratri 6th Day) माता कात्यायनी की पूजा (Maa Katyayani Puja) कैसे करें?
माता कात्यायनी की पूजा विधि (Maa Katyayani Ki Puja Vidhi)
- 19 अक्टूबर 2023 को छठें के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर माता कात्यायनी (Maa Katyayani) का ध्यान करें।
- जहां आपने घटस्थापना की है, वहां साफ-सफाई करके माता कात्यायनी की मूर्ति या फोटो को लाल या पीले कपड़े पर रख दें।
- अब माता कात्यायनी को कुमकुम और अक्षत से तिलक करें।
- माता कात्यायनी को धूप दिखाकर मां की विधिवत पूजा करें।
- माता कात्यायनी को सफेद रंग बेहद पसंद है, अतः उन्हें सफेद रंग के फूल और भोग अवश्य चढ़ाएं।
- पूजा के समापन के पहले माता कात्यायनी की आराधना मंत्रों का पाठ करें।
- उसके बाद आप दुर्गा सप्तशती और माता कात्यायनी की आरती का पाठ करें।
- इन मंत्रों का पाठ को करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
माता कात्यायनी का भोग (maa katyayani ka bhog)
देवी कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के छठें (Navratri 6th Day) दिन शहद का भोग लगाने का विधान है। ऐसा करने से जीवन में मधुरता और सुख-समृद्धि आती है। शहद का भोग मातारानी को भी बेहद प्रिय है। ऐसे में आप शहद में बने कद्दू का हलवा का भोग लगा सकते हैं।
माता कात्यायनी की पूजा के लिए मंत्र (maa katyayani mantra)
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
माता कात्यायनी की आरती (maa katyayani aarti)
जय जय अंबे जय कात्यायनी।
जय जगमाता जग की महारानी॥
बैजनाथ स्थान तुम्हारी।
वहां वरदानी नाम पुकारा॥
कई नाम है कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है॥
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते॥
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की॥
झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपनेवाली॥
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो॥
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी माँ को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥
वामा के माध्यम से करें नवरात्रि पूजा
दुर्भाग्य को दूर करने, नज़र दोष से बचने, लंबी बीमारी में बचने, सौभाग्य प्राप्ति, दूरदर्शी होने और भविष्य संवारने के लिए VAMA ओर से नवरात्रि के छठे दिन 20 अक्टूबर 2023 को प्रसिद्ध शक्तिपीठ नैना देवी, हिमाचल प्रदेश में दुर्गा महायज्ञ और कुमकुम अर्चन पूजा में ज़रूर भाग लें।
ये तो थी, माता कात्यायनी की पूजा विधि (Maa Katyayani Ki Puja Vidhi) और मंत्रों की बात। ऐसे ही सनातन धर्म की अन्य पूजा और मंत्रों की जानकारी के लिए वामा ऐप से जुड़े रहें।