Navratri 3rd day: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानिए पूजा विधि और मंत्र
maa chandraghanta puja vidhi: हमारे देश में नवरात्रि का त्योहार बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त पूरे 9 दिन व्रत रखकर मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि के दौरान लोग बड़े ही भक्ति भाव से माता की पूजा करते हैं मां का शुभाशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर से हो रहा है और तीसरे दिन की पूजा 17 अक्टूबर, 2023 को होगी। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा अवतार की पूजा (maa chandraghanta puja) का विधान है।
माता चंद्रघंटा को चंद्रखंड, चंडिका और रणचंडी के नाम से भी जाना जाता है। माता के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसीलिए इन्हें चंद्रघंटा (chandraghanta) कहा जाता है।
यदि आप भी इस वर्ष शारदीय नवरात्रि के दौरान घटस्थापना करने की सोच रहे हैं तो आपको प्रतिदिन देवी मां की पूजा विधियों की जानकारी का होना बेहद आवश्यक है।
तो चलिए यहां जानते हैं कि मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें?
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (maa chandraghanta puja vidhi)
- 17 अक्टूबर 2023 को तृतीया तिथि के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर मां का ध्यान करें।
- जहां आपने घटस्थापना की है, वहां साफ-सफाई करके माता चंद्रघटा की प्रतिमा को लाल या पीले कपड़े पर रख दें।
- अब मां चंद्रघंटा को कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाएं।
- माता की तस्वीर के पास धूप दिखाकर मां की विधिवत पूजा करें।
- मां चंद्रघंटा को पीला रंग प्रिय है, अतः उन्हें पीले रंग के फूल और भोग अवश्य चढ़ाएं।
- पूजा के समापन के पहले देवी चंद्रघटा की आराधना मंत्रों का पाठ करें।
- उसके बाद आप दुर्गा सप्तशती और चंद्रघंटा माता की आरती (Maa Chandraghanta Aarti) का पाठ करें।
- इन मंत्रों का पाठ को करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
मां चंद्रघंटा के लिए भोग (Maa Chandraghanta Bhog)
मां चंद्रघंटा देवी को दूध से बनी मिठाई और खीर अत्यधिक प्रिय है। अतः इस दिन, दूध से बनी चीजों का भोग लगाकर ब्राह्मणों को दान करें। इससे घर में सुख समृद्धि आती है। कहा जाता है कि दूध का भोग लगाने से माता प्रसन्न होती हैं और समृद्धि का आशीष देती हैं।
मां चंद्रघंटा के मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
मां चंद्रघंटा की आरती (Maa Chandraghanta Aarti)
पूजा संपन्न होने के बाद मां चंद्रघंटा की आरती का पाठ अवश्य करें।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांची पुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटू महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
वामा के माध्यम से करें नवरात्रि की पूजा
आत्मविश्वासी, साहसी और निडर बनने, शत्रु नाश के साथ बीमारी, दुर्घटना से बचाव के लिए VAMA की ओर से 17 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि के तीसरे दिन ज्वाला देवी शक्तिपीठ हिमाचल प्रदेश में महासुरक्षा दुर्गा कवच यज्ञ और चंडी पाठ में अवश्य भाग लें।
ये तो थी, मां चंद्रघंटा की पूजा विधि और मंत्रों (maa chandraghanta puja vidhi) की बात। ऐसे ही सनातन धर्म की अन्य पूजा और मंत्रों की जानकारी के लिए वामा ऐप से जुड़े रहें।