Navratri 1st Day: नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, यहां जानिए पूजा विधि और मंत्र

आइए वामा के ब्लॉग में जानें- नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि (maa shailputri ki puja vidhi) और मंत्रों के बारे में...

maa shailputri puja vidhi: नवरात्रि का त्योहार हमारे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर, दिन रविवार से हो रहा है जोकि 23 अक्टूबर तक रहेगी।

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा की जाती है। इनमें सबसे पहला अवतार देवी शैलपुत्री (Maa Shailputri) का है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप ‘शैलपुत्री’ का अर्थ है, पर्वत की पुत्री

देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप, शैलपुत्री को शांति और सौभाग्य की प्रतीक हैं। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की विधि विधान से करने से घर में सौभाग्य की वृद्धि होती है।

तो आइए वामा के ब्लॉग में जानें- नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि और मंत्रों के बारे में।

पूजा विधि

मां शैलपुत्री की पूजा विधि (maa shailputri puja vidhi)

  • शारदीय नवरात्रि के पहले दिन स्नानादिन से निवृत्त होकर विधि-विधान से कलश स्थापना करें।
  • कलश के पास ही मां शैलपुत्री की प्रतिमा या उनके चित्र को लाल या सफ़ेद रंग के आसन पर रखें।
  • अब माता शैलपुत्री को कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाएं।
  • माता की तस्वीर के पास धूप दिखाएं उसके बाद उनकी विधिवत पूजा करें।
  • मां शैलपुत्री को सफ़ेद पुष्प बेहद ही प्रिय होते हैं, इसलिए उन्हें इस रंग के फूल अवश्य चढ़ाएं।
  • इसके बाद मां के प्रिय भोग को चढ़ाएं।
  • पूजा के समापन के पहले देवी शैलपुत्री की आराधना मंत्रों का पाठ करें।
  • साथ ही दुर्गा स्तोत्र, सप्तशती और चालीसा इत्यादि का पाठ अवश्य करें।

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मां शैलपुत्री के लिए भोग (Maa Shailputri Bhog)

ऐसी मान्यता है, कि देवी शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उनकी पूजा में सफेद फूलों और मिठाइयों का भोग लगाएं। इस दिन आप बादाम का हलवा भी बना सकते हैं। ऐसा करने से, भक्तों को सभी कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है। आप बादाम का हलवा भी बना सकते हैं।

देवी शैलपुत्री की आराधना मंत्र (Maa Shailputri Puja Mantra)

  • “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”
  • या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
  • वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।

मां शैलपुत्री मंत्र (Maa Shailputri Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।

शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी

पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी

रत्नयुक्त कल्याणकारिणी

वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌

वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌

शैलपुत्री माता की आरती (Maa Shailputri Ki Arati)

शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।

शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी

पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे। 

ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू। 

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी। 

उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो। 

घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के। 

श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं। 

जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।  

मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो। 

वामा के माध्यम से करें नवरात्रि पूजा

माता भगवती दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने, समस्त परेशानियों के अंत के लिए, शत्रु विनाश, मनोवांछित नौकरी, आर्थिक उन्नति, आत्मविश्वास बढ़ाने और चारों से सुरक्षा का अनुभव करने के लिए नवरात्रि के पहले दिन 15 अक्टूबर 2023 को वामा ऐप की ओर से कटरा (जम्मू) में नौ देवी दुर्गा मंदिर में महाचंडी यज्ञ में जरूर भाग लें।

चंडी यज्ञ पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां दुर्गा की विशेष कृपा सदैव भक्तों पर बनी रहती है। इस पाठ को करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है। वेदों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने का सबसे आसान माध्यम चंडी यज्ञ को बताया गया है। यह एक बेहद शक्तिशाली यज्ञ है। इससे ना केवल कुंडली के दोष समाप्त होते हैं, बल्कि किसी भी व्यक्ति के शत्रु उससे मित्रवत व्यवहार करने लगते हैं।

इस नवरात्रि में माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महाचंडी यज्ञ में जरूर भाग लें।

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ये तो थी, मां शैलपुत्री की पूजा विधि और मंत्रों की बात। ऐसे ही सनातन धर्म की अन्य पूजा और मंत्रों की जानकारी के लिए वामा ऐप से जुड़े रहें।