Ganpati Visarjan 2024 : गणपति विसर्जन आज जानें, गणपति विसर्जन विधि और मुहूर्त
Ganpati Visarjan 2024: गणेश विसर्जन सनातन धर्म में एक महत्पूर्ण त्यौहार है। ये गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद आता है। इसे गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan 2024) और अनंत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। गणेश विसर्जन भक्तों के लिए श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस त्यौहार का उद्देश्य भगवान गणेश की प्रतिमा को जल में विसर्जित करके उन्हें सम्मानपूर्ण विदाई देना है।
आइए, जानते हैं कि गणेश विसर्जन कब है और इसकी सही विधि क्या है ?
गणेश विसर्जन कब होगा (Ganpati Visarjan 2024 Date and Time)
इस साल गणेश चतुर्थी शनिवार, 7 सितम्बर को है। इसके ठीक दस दिन बाद मंगलवार, 17 सितम्बर को गणपति विसर्जन का आयोजन किया जाएगा। गणेश चतुर्थी को गणेश स्थापना के बाद कुछ भक्त 3,5 या 7 दिन में भी गणपति विसर्जन कर देते हैं। आप पांचवें दिन गणपति विसर्जन (5th ay ganpati visarjan 2024) करना चाहते हैं तो 11 सितम्बर को विसर्जन कर सकते हैं। वैसे शास्रों के अनुसार अनंत चतुर्दशी ही गणेश विसर्जन के लिए सबसे अच्छा दिन है। गणेश विसर्जन के अलावा, अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने का भी विधान है। विष्णु भक्त इस दिन व्रत भी करें ताकि इसका शुभफल मिल सके।
गणपति विसर्जन 2024 शुभ मुहूर्त (Ganpati Visarjan Muhurat 2024)
चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर, 2024 को दोपहर 03:10 बजे से शुरू हो रही है और ये 17 सितंबर, 2024 को सुबह 11:44 बजे तक रहेगी। इस साल गणपति विसर्जन 2024(Ganpati Visarjan 2024)का मुहूर्त इस प्रकार है –
मुहूर्त | समय |
सुबह का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) | 09:11 बजे से 01:47 बजे तक |
दोपहर का मुहूर्त (शुभ) | 03:19 बजे से 04:51 बजे तक |
शाम का मुहूर्त (लाभ) | 07:51 बजे से 09:19 बजे तक |
गणेश विसर्जन कैसे करें (Ganesh Visarjan Vidhi)
अगर आपके लिए संभव हो, तो घर के पास के किसी जलाशय या नदी में विसर्जन करें। आजकल कृत्रिम विसर्जन कुंड का भी उपयोग किया जाता है, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। आप अपनी सुविधा के अनुसार विसर्जन कर सकते हैं। नीचे पढ़ें गणेश विसर्जन की विधि –
- विसर्जन से पहले गणेश जी के समक्ष पूजा स्थल को सुंदर फूलों और दीपों से सजाएं।
- गणेश जी की अंतिम आरती करें। आरती के समय “जय गणेश देवा” और “सुखकर्ता दुखहर्ता” जैसे भजनों का गान करें।
- गणेश जी को मोदक, लड्डू, फल, और मिठाइयाँ अर्पित करें। प्रसाद को परिवार और दोस्तों के बीच बांटें।
- गणेश जी को नारियल, पान, सुपारी, और कुछ सिक्के अर्पित करें, जो विसर्जन के साथ जल में प्रवाहित किए जाएंगें।
- विसर्जन के समय आप ये विदाई मंत्र पढ़ सकते हैं:
ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
ऊँ मोदाय नम: ऊँ प्रमोदाय नम: ऊँ सुमुखाय नम: ऊँ दुर्मुखाय नम: ऊँ अविध्यनाय नम: ऊँ विघ्नकरत्ते नम:॥
- इस मंत्र के साथ गणेश जी से विनती करें कि वे अगले वर्ष पुनः आएं और आप पर अपनी कृपा बनाए रखें।
- विसर्जन के लिए गणेश जी की प्रतिमा को एक साफ कपड़े में लपेटें और उसे जलाशय तक ले जाएं।
- जल में विसर्जन से पहले गणपति बप्पा की जयकारें लगाएं, और फिर प्रतिमा को धीरे-धीरे जल में विसर्जित करें।
- विसर्जन के बाद गणेश जी के चरणों में प्रणाम करें और उन्हें आभार प्रकट करें।
- उनके आशीर्वाद से आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति बनी रहे, इसके लिए प्रार्थना करें।
इस ब्लॉग में आपने जाना कि गणेश विसर्जन कैसे करें। आप विसर्जन के बाद सामूहिक रूप से भंडारा या प्रसाद वितरण करें, जिसमें सभी परिवार और मित्रों को शामिल करें। गणेश जी से अगले वर्ष पुनः आने का निमंत्रण दें और यह प्रण लें कि आप पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए आगामी वर्ष में भी गणेश चतुर्थी मनाएंगे।