Durga Chalisa: दुर्गा चालीसा पाठ से मिलती है रोगों से मुक्ति, जानें विधि और लाभ
Durga Chalisa: आदिशक्ति दुर्गा शक्ति का संचार करने वाली माता रूपी देवी है। माँ दुर्गा की साधना किसी भी समय आरंभ की जा सकती है। भक्तों पर कृपा करने वाली माता सदैव अपने भक्तों को अपने पुत्र के समान प्रेम करती है।
माँ जगदंबा भक्त वत्सल है। जगदंबा स्वरूप महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती त्रिगुणात्मिका शक्ति स्वरूपिणी है। माँ दुर्गा 51 शक्तिपीठों के रूप में विद्यमान है।
दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) स्तुति करने से आदि जगदंबा बहुत शीघ्र प्रसन्न होती हैं। और अपने भक्तों को वरदान देती हैं। आदिशक्ति बुद्धि, बल, विवेक, धैर्य, धन-समृद्धि ये सब देने वाली है।
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माँ जगदंबा की स्तुति करने से मनुष्य के सभी पापों का विनाश होता है। आदिशक्ति किसी भी भक्त को निराश नहीं होने देती। आदि शक्ति की साधना करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ (Durga Chalisa Path) अगर विधि पूर्वक किया जाए तो माँ दुर्गा की कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होती है।
आइए जानते हैं, दुर्गा चालीसा पाठ (Durga Chalisa Path) विधि एवं लाभ…
दुर्गा चालीसा पाठ विधि एवं लाभ (Durga Chalisa Path Vidhi)
माँ जगदंबा को प्रसन्न करने के लिए विधिपूर्वक पूजा पाठ करना अति आवश्यक है। किसी भी देवी या देवता को प्रसन्न करने के लिए विधि पूर्वक नियम का आचरण करते हुए उनका पूजन किया जाता है।
- प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत हों।
- शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- शुद्ध निर्मल आसान बिछाएं।
- सामर्थ्य अनुसार पूजा की सामग्री एकत्र करें।
- दुर्गा की पूजा में फल, धूप, दीप, फूल, मिठाई, मीठा पान, लौंग, इलायची, हरि या लाल रंग की चूड़ी माता को अर्पण करें।
- जयफल की भेंट माता को विशेष प्रिय है।
- पांच या सात लौंग की भेंट माता को नित्य रूप से अर्पण करें।
- 9 पेड़े का भोग माता को नित्य लगाएं।
- सौभाग्य की कामना के लिए माता को सिंदूर अवश्य अर्पण करें।
- अपने शीश के रूप में नारियल की भेंट माता को अर्पण करें।
- हल्दी चंदन का तिलक माता को करें।
- शत्रु विनाश की कामना के लिए काजल और शहद माता को विशेष रूप से अर्पण कर सकते हैं।
दुर्गा चालीसा पाठ के लाभ (Durga Chalisa Benefits)
माँ शक्ति रूप में विद्यमान है। माँ भगवती दुर्गा की साधना करने से मनुष्य को जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। माँ भगवती जीवन के सभी संकटों का विनाश करती हैं। माँ दुर्गा की अनेकों रूप में पूजा की जाती है। जिस रूप में माता की पूजा की जाती है, माता से उसी प्रकार का फल प्राप्त होता है।
- माँ भगवती की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।
- दुर्गा की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
- भगवती की पूजा आरोग्य प्रदान करती है।
- माँ भगवती शत्रुओं का विनाश करती है।
- जगदंबा सभी प्रकार की समृद्धि प्रदान करती है।
- माँ भगवती विद्या और बुद्धि प्रदान करती है।
- माँ की कृपा से सभी दिशाओं में कीर्ति का विस्तार होता है।
- माँ की कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है।
- माँ भगवती का आशीर्वाद जीवन में उन्नति प्रदान करने वाला है।
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पूजा का नाम | मंदिर (स्थान) |
ऋण मुक्ति पूजा | ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन) |
माता कामाख्या महापूजा | माता कामाख्या शक्तिपीठ (गुवाहाटी) |
शनि साढे़ साती | शनि शिंगणापुर देवस्थानम,महाराष्ट्र |
लक्ष्मी कुबेर महायज्ञ और रुद्राभिषेक | जागेश्वर कुबेर मंदिर ,अल्मोड़ा, उत्तराखंड |
राहु ग्रह शांति पूजा | जरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर ,प्रयागराज |