Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा का पाठ करने की विधि और लाभ
Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा जीवन को बदल देने वाली स्तुति है। इसका पाठ करने से सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति मिलती है। इसके पाठ से उन्नति के रास्ते खुलते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा पाठ का विशेष महत्व है।
हनुमान चालीसा ना केवल स्तुति के लिए किया जाता है, अपितु यहाँ जीवन में सीखने के लिए बहुत कुछ मिलता है। हनुमान चालीसा की हर चौपाई जीवन का मार्गदर्शन करती है।
हनुमान चालीसा ब्रह्मांड के साथ-साथ धरती के भी बहुत से रहस्य खोलती है। जीवन को कैसे जीना है, उसके रहस्य भी इस स्तुति में पाए जाते हैं।
कैसा रहेगा साल 2025? यहां जानें, वार्षिक राशिफल 2025 | |
मेष राशिफल 2025 | तुला राशिफल 2025 |
वृषभ राशिफल 2025 | वृश्चिक राशिफल 2025 |
मिथुन राशिफल 2025 | धनु राशिफल 2025 |
कर्क राशिफल 2025 | मकर राशिफल 2025 |
सिंह राशिफल 2025 | कुंभ राशिफल 2025 |
कन्या राशिफल 2025 | मीन राशिफल 2025 |
धर्म शास्त्रों चालीसा का महत्व बताया गया है। किसी भी कार्य को 40 बार किया जाए तो वो बुद्धि में अपना स्थान बना लेता है। फिर उस कार्य से हमे सफलता मिलने की सम्भावना अधिक बन जाती हैं।
आइए जानते हैं हनुमान चालीसा पाठ के नियम विधि से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी…
हनुमान चालीसा पाठ के नियम और विधि (Hanuman Chalisa Niyam)
हनुमान जी अजर अमर हैं। इनकी स्तुति करने के लिए सही विधि (Hanuman Chalisa Niyam) का पता होना बहुत जरुरी है। हनुमान जी की पूजा करने वाले को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए।
हनुमान जी शिव का अवतार हैं। शिवजी, श्री रामजी की साधना करते हैं। हनुमान अवतार में भी ये राम जी की ही सेवा में हैं। साधक को अपना बनाना है, तो उसके स्वामी के प्रति श्रद्धा होना जरुरी है।
आइए जानते हैं हनुमान जी को प्रसन्न करने की पूरी विधि…
- हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार का दिन विशेष माना जाता है।
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत हों।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- निर्मल आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुह करके बैठें।
- पूजा की जरुरी सामग्री साथ लेकर बैठें।
- आचमन कर के मुख शुद्धि करें।
- भगवान जी को शुद्ध जल से स्नान करवाएं।
- भगवान जी को नए वस्त्र पहनाएं।
- अगर भगवान जी की प्रतिमा बड़ी आकृति की है, तो हनुमान जी का लंगोट बदलें।
- सुबह की पूजा में भगवान राम जी का ध्यान करें।
- शाम के समय में हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें।
- शाम के समय ही हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान चालीसा पाठ से पहले और बाद में राम नाम की माला जरुर जाप करें।
- अगर आप हनुमान जी की पूजा करते हैं, तो नित्य राम नाम का जाप करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद बरंग बाण का पाठ जरुर करें।
- हनुमान जी को केले, चूरमा, गुड़, काले चने का भोग लगाएं।
हनुमान जी का ध्यान मंत्र
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
VAMA द्वारा आयोजित ऑनलाइन पूजा में भाग लें (अपने नाम और गोत्र से पूजा संपन्न कराएं) | |
पूजा का नाम | मंदिर (स्थान) |
ऋण मुक्ति पूजा | ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन) |
शनि साढे़ साती | शनि शिंगणापुर देवस्थानम,महाराष्ट्र |
लक्ष्मी कुबेर महायज्ञ और रुद्राभिषेक | जागेश्वर कुबेर मंदिर ,अल्मोड़ा, उत्तराखंड |
राहु ग्रह शांति पूजा | जरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर ,प्रयागराज |
हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa)
— दोहा —
श्रीगुरु-चरन-सरोज-रज
निज-मन-मुकुर सुधारि ।
बरनउँ रघुबर-बिमल-जस
जो दायक फल चारि ॥
बुद्धि-हीन तनु जानिकै
सुमिरौं पवनकुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं
हरहु कलेस बिकार ॥
— चौपाई —
जय हनुमान ज्ञान-गुन-सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ 1 ॥
राम-दूत अतुलित-बल-धामा ।
अंजनिपुत्र – पवनसुत – नामा ॥ 2 ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति-निवार सुमति के संगी ॥ 3 ॥
कंचन-बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुंडल कुंचित केसा ॥ 4 ॥
हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज-जनेऊ साजै॥ 5 ॥
शंकर स्वयं केसरीनंदन ।
तेज प्रताप महा जग-बंदन ॥ 6 ॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम-काज करिबे को आतुर ॥ 7 ॥
प्रभु-चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम-लखन-सीता-मन-बसिया ॥ 8 ॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥ 9 ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचंद्र के काज सँवारे ॥ 10 ॥
लाय सँजीवनि लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥ 11 ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई ॥ 12 ॥
सहसबदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥ 13 ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥ 14 ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सकैं कहाँ ते ॥ 15 ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।
राम मिलाय राज-पद दीन्हा ॥ 16 ॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना ।
लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥ 17 ॥
जुग सहस्र जोजन पर भानू ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥ 18 ॥
प्रभु-मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥ 19 ॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥ 20 ॥
राम-दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ 21 ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डर ना ॥ 22 ॥
आपन तेज सम्हारो आपे ।
तीनौं लोक हाँक ते काँपे ॥ 23 ॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥ 24 ॥
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥ 25 ॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥ 26 ॥
सब पर राम राय सिर ताजा।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥ 27 ॥
और मनोरथ जो कोइ लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥ 28 ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत-उजियारा ॥ 29 ॥
साधु संत के तुम रखवारे ।
असुर-निकंदन राम-दुलारे ॥ 30 ॥
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता ।
अस बर दीन्ह जानकी माता ॥ 31 ॥
राम-रसायन तुम्हरे पासा ।
सादर हो रघुपति के दासा ॥ 32 ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥ 33 ॥
अंत-काल रघुबर-पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरि-भगत कहाई ॥ 34 ॥
और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेइ सर्बसुख करई ॥ 35 ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥ 36 ॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥ 37 ॥
यह सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहिं बंदि महा सुख होई ॥ 38 ॥
जो यह पढ़ै हनुमान-चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥ 39 ॥
तुलसीदास सदा हरि-चेरा ।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥ 40 ॥
— दोहा —
पवनतनय संकट-हरन,
मंगल-मूरति-रूप ।
राम लखन सीता सहित,
हृदय बसहु सुर-भूप ॥
सियावर रामचंद्र की जय ॥
पवनसुत हनुमान की जय ॥
हनुमान चालीसा पाठ के फायदे (hanuman chalisa path ke fayde)
हनुमान जी को संकट मोचन के नाम से जाना जाता है। मान्यता है, श्री राम जी साधारण मानव रूप में धरती पर आए। श्री राम जी के जो असाध्य कार्य थे वो हनुमान जी ने ही सवांरे थे।
हनुमान जी अजर-अमर हैं। वो आज भी अपने भक्तों के कार्य उसी तरह करने को तत्पर रहते हैं, जैसे उन्होंने श्री राम जी के कार्य किए। हनुमान जी को प्रसन्न करने से जीवन के सभी प्रकार के दुखों का निवारण होता है।
- हनुमान चालीसा पाठ करने से जेल जैसे बन्धनों से मुक्ति मिलती है।
- हनुमान जी भूत प्रेत जैसी बाधा को दूर करते हैं।
- हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनोबल में वृद्धि होती है।
- हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।
- हनुमान चालीसा का पाठ करने से जमीन से जुड़े विवाद समाप्त होते हैं।
ज्योतिषी से अभी बात करें
First Consultation FREE!