Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन आज, जानें शुभ मुहूर्त कब?
Rakshabandhan Date 2024: भारत देश भारत देश सनातन परंपराओं का देश है। यहां पर रहने वाली अधिकतर आबादी हिंदू है। हिंदुओं में हर दिन दिवाली ऐसा माना जाता है। इसे यूं समझें कि हिंदू धर्म में हर दिन कोई ना कोई धार्मिक पर्व या उत्सव का आयोजन किया जाता है।
देश काल के भेद से उत्सव के रूप अलग हो सकते हैं, परंतु आयोजन आवश्यक सामान होते हैं। पर्वों के इसी क्रम में एक पर्व रक्षाबंधन भी है। रक्षाबंधन 2024, 19 अगस्त के दिन मनाया जा रहा है। मान्यता है, इस दिन बहन भाई की कलाई पर पवित्र रक्षा सूत्र बांधकर जीवन भर भाई से अपनी रक्षा की प्रार्थना करती है।
रक्षाबंधन कब है
इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। आपको बता दें, 19 अगस्त के दिन प्रातः 3:04 पर पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है। इसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
ये त्योहार श्रावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 2024
रक्षाबंधन का पर्व पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रिक्ता तिथि के अंत की 6 घटी और पूर्ण तिथि के प्रारंभ की चार घाटी के दौरान भद्रा काल होता है। इस समय में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है।
इस वर्ष 19 तारीख प्रातः 3:04 बजे पूर्ण तिथि पूर्णिमा शुरू हो जाएगी। जिससे चार घटी के अनुसार लगभग दोपहर 1:30 बजे तक भद्रा काल का विचार किया जाएगा। 1:30 के बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।
रक्षाबंधन में भद्रा विचार
जैसा कि हमने ऊपर बताया भद्रा तिथि के अंत की 6 घाटी और पुण्यतिथि के आरंभ की चार घाटी भद्रा काल में मानी जाती हैं। उस समय में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है। भद्रा का विचार तीन प्रकार से किया जाता है।
- रक्षाबंधन भद्रा पूछ विचार 9:51 से सुबह 10:53 तक किया जाएगा।
- भद्रा मुख विचार सुबह 10:53 से 12:37 तक किया जाएगा।
- इसके अलावा दोपहर 1:30 के बाद भद्रा का अंत माना जाएगा।
- रात्रि 9 बज कर 8 मिनट तक रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त रहेगा।
इस समय मे शुभ समय दोपहर 1:45 से शाम के 4:20 तक रहेगा यह अवधि कल 2 घंटे 37 मिनट रहने वाली है इस समय में रक्षाबंधन का त्योहार मनाएं
प्रदोष काल की बात करें तो शाम 6:56 से रात 9:08 तक प्रदोष काल में भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है
रक्षाबंधन के लिए यूं तो बहुत सी कहानी और कथाएं प्रचलित है। हिंदू धर्म ग्रंथों और महाकाव्य में एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार महाभारत में जब भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी। तब द्रोपती ने खून को रोकने के लिए अपनी साड़ी का पल्ला फाड़कर बांधा था। जिसके बाद श्री कृष्ण ने उनकी रक्षा करने का वादा किया था। माना जाता है, कि यहीं से रक्षाबंधन के त्यौहार की शुरुआत हुई थी।
रक्षाबंधन पर क्या उपहार दें
- रक्षाबंधन पर अपनी बहन को काजू का उपहार भेंट करें।
- बहन के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उसे खाने की अच्छी वस्तुएं भेंट करें।
- सोने या चांदी से बने उपहार भेंट करें।
- घर में प्रयोग होने वाली वस्तु भेंट करें।
- धन धान्य का उपहार बहन को भेंट दें।
रक्षाबंधन पर क्या उपहार ना दें
- रक्षाबंधन के उपहार में जूते ना दें।
- उपहार रूप कोई सुगंधित द्रव्य, इत्र, सेंट ना दें।
- कपड़े का छोटा रूप रुमाल ना दें।
- उपहार रूप में हाथ पर बांधी जाने वाली घड़ी ना दें।
ऐसे ही ज्योतिष, पंचांग, राशिफल, त्योहार, और सनातन धर्म की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए VAMA का ब्लॉग अवश्य पढ़ें।