Budh Gochar 2024: बुध उदय अस्त मार्गी वक्री राशि परिवर्तन की जानकारी..
Budh Gochar 2024: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 7 प्रत्यक्ष और 2 अप्रत्यक्ष ग्रहों को मिला कर 9 ग्रहों की बात की गई है। इसमें राहु और केतु को छाया ग्रह के रूप में माना गया है। अन्य ग्रह प्रत्यक्ष रूप से आकाश मंडल में दिखाई देते हैं। सभी ग्रहों का सूर्य की परिक्रमा करना आधुनिक विज्ञान एवं ज्योतिष शास्त्र सबके द्वारा स्वीकार किया गया है।
इस परिक्रमा क्रम में जब भी कोई ग्रह सूर्य से निकटतम या अधिक दूरी तक की स्थिति पर होता है, तो दोनों स्थितियों में उस ग्रह की एक अलग स्थिति का निर्माण होता है। ऐसी स्थिति को ज्योतिष शास्त्र में विस्तार से बताया गया है।
ग्रह का अस्त और उदय होना
कोई ग्रह सूर्य के बहुत अधिक नजदीक आ जाता है, तो वह अपना अस्तित्व छोड़कर सूर्य के प्रभाव में आ जाता है। तब उसे अस्त माना जाता है।
यदि कोई ग्रह सूर्य से एक निश्चित दूरी प्राप्त कर लेता है, तो वह उदय हो जाता है, और स्वयं के अस्तित्व में आ जाता है। ग्रहों की इस स्थिति को उदय और अस्त का नाम दिया गया है।
सूर्य से 12 अंशों की दूरी को अस्त और उदय का नाम दिया गया है। यदि कोई भी ग्रह सूर्य के आगे और पीछे लगभग 12 अंशों में होता है, तो वो अस्त हो जाता है। जैसे ही ग्रह इन अंशों को पार कर लेता है, तो वह उदय हो जाता है।
ग्रह का मार्गी और वक्री होना
ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसी स्थिति भी बताई गई हैं, जिसमें ग्रह विपरीत दिशा में चलता हुआ दिखाई देता है। वास्तव में वह अपनी कक्षा में आगे बढ़ रहा होता है। इसी स्थिति को मार्गी और वक्री की संज्ञा दी गई है। पृथ्वी से देखने पर उसकी ऐसी स्थिति दिखाई देती है। जिसके कारण उसे वक्री की संज्ञा दी जाती है। जैसे ही ग्रह उस स्थिति से बाहर आ जाता है, तो उसे मार्गी माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियों के विषय में बताया गया है सभी ग्रह अपने इस परिभ्रमण पथ में 12 राशियों का परागमन करते हैं। इस स्थिति को राशि परिवर्तन या गोचर के नाम से संबोधन किया गया है। बुध एक ऐसा ग्रह है, जो सूर्य के बहुत नजदीक होने के कारण सूर्य की गति के लगभग समान गति से ही चलते हैं, और सभी राशियों का भोग करते हैं।
बुध होंगे वक्री, मार्गी, अस्त, उदय, और फिर करेंगे राशि परिवर्तन
सूर्य के प्रभाव से बुध के लिए अस्त और उदय की स्थिति घटित होती रहती है। इस महीने अगस्त 2024 में बुध मार्गी, वक्री, उदय, अस्त एवं राशि परिवर्तन यह सब स्थिति इसी महीने होने वाली हैं। ऐसी स्थिति में बुध का प्रभाव सभी राशियों एक साथ जल्दी जल्दी प्रभावित करता दिखेगा।
जानिए बुध के इस महीने होने वाली घटनाक्रम में किस तिथि को बुध की क्या स्थिति होने वाली है। इस महीने बुध बहुत जल्दी-जल्दी अपनी स्थितियां बदलने वाला है। अगस्त 2024 के महीने की बात करें तो इस महीने…
3 अगस्त को बुध का वक्री होंगे।
12 अगस्त को बुध का अस्त होंगे।
22 अगस्त को वक्री बुध का कर्क राशि में परिवर्तन।
26 अगस्त को बुध का उदय होंगे।
26 अगस्त को ही बुध का मिथुन राशि में गोचर होगा।
27 अगस्त को बुध का मार्गी होना एवं अस्त हो होंगे।
28 अगस्त को बुध वक्री होंगे और फिर से अस्त होंगे।
29 अगस्त को बुध मार्गी और उदय होंगे।
ये सब घटनाएं इस महीने में एक साथ घटित होने वाली है।
बुध की इन सब स्थितियों का क्या प्रभाव होगा और किन राशि वालों को सावधान होना होगा। आइए जानते हैं VAMA के ज्योतिषाचार्य डॉ देव से…
कर्क राशि
बुध इस महीने कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, परंतु जैसे ही बुध मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे तो उसी समय वक्री होंगे, ऐसी स्थिति में बुध का कर्क राशि से 12 वें भाव में चले जाना कर्क राशि वालों के लिए विशेष शुभ फल देने वाला नहीं है। ऐसी स्थिति में युवाओं को रोजगार के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। जो लोग बिजनेस में ग्रोथ के प्रयास कर रहे थे, उन्हें सफलता मिलने में देरी होगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि में बुध के आने से मिथुन राशि वालों को लाभ की स्थिति बन रही है। क्योंकि बुध अपनी ही राशि में गोचर करने वाले हैं। परंतु बुध का वक्री होना मिथुन राशि वालों के जीवन में संघर्ष पैदा कर सकता है। आपकी वाणी की मधुरता में थोड़ी कड़वाहट आने की संभावना है। इसीलिए अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें सावधान होकर निर्णय ले।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध का कर्क राशि से मिथुन में जाना शुभ फल देने वाला हो सकता है। क्योंकि मिथुन राशि में आने से बुध आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे। जिससे व्यापार में आ रही समस्याओं से दोबारा निजात मिलेंगी। आपका भाग्य कुछ दिन के लिए आपका साथ छोड़ चुका था। मिथुन राशि वालों के लिए बुध का गोचर में कर्क राशि में आना आपकी राशि से अष्टम भाव में होता है, जिसके कारण आपको भाग्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध का गोचर कर्क राशि से मिथुन में जाना आपके लिए शुभ फल देने वाला सिद्ध हो सकता है। क्योंकि आपके लग्न के अनुसार धन भाव के स्वामी और आय के स्वामी बुध का 11वें भाव में आने से धन की वृद्धि होने के योग बनेंगे। आपको हर तरफ़ विकास देखने को मिलेगा। घर में सुख शांति का माहौल देखने को मिलेगा। परंतु जैसे ही बुध दोबारा कर्क राशि में आएंगे तो आपको विदेश की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, जो आपको थका देने वाली होंगी। जिनसे लाभ होने की कोई विशेष स्थिति नहीं है।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए भाग्य के कारक बुध का कर्क राशि से मिथुन राशि में जाना अधिक शुभ फल देने वाला नहीं है। आपके कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। परंतु जैसे ही बुध कर्क राशि में आएंगे, तो आपके जीवनसाथी से आपको पूर्ण सहयोग मिलेगा और आपका भाग्य उन्नति को प्राप्त करेगा।