Kuber puja: कुबेर करेंगे धन की बारिश! कर लें ये उपाय, जानें कैसे करें कुबेर पूजा
Kuber puja: भगवान कुबेर को धन का देवता कहा जाता है। भगवान धन के देवता होने से जीवन में आने वाली धन और व्यापार से जुड़ी, आदि सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करते हैं।
कुबेर जी की कृपा से ही कर्ज से मुक्ति मिलती है। कुबेर जी ही व्यापार में हुए नुकसान को लाभ में बदलने में सक्षम हैं।
वैसे तो कुबेर जी की पूजा दीपावली की रात्रि में मुख्य रूप से की जाती है। इसके अलावा भी कुबेर की पूजा (Kuber puja) के लिए एकादशी और अमावस्या का दिन शुभ माना जाता है।
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पूजा का नाम | मंदिर (स्थान) |
ऋण मुक्ति पूजा | ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन) |
माता कामाख्या महापूजा | माता कामाख्या शक्तिपीठ (गुवाहाटी) |
शनि साढे़ साती | शनि शिंगणापुर देवस्थानम,महाराष्ट्र |
लक्ष्मी कुबेर महायज्ञ और रुद्राभिषेक | जागेश्वर कुबेर मंदिर ,अल्मोड़ा, उत्तराखंड |
राहु ग्रह शांति पूजा | जरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर ,प्रयागराज |
भगवान कुबेर की पौराणिक कथा
कुबेर जी के पिता महर्षि विश्रवा और माता देववर्णिणी थी। पिता के कहे अनुसार इन्होने सृष्टि के विकास के लिए विवाह और सन्तान उत्त्पति से मना कर दिया जिसके कारण इनके पिता ने इनका त्याग कर दिया और इनके पिता मह ब्रह्मा जी ने इनको अपने पुत्र तुल्य रखा इस लिए इन्हें दंत कथाओं के अनुसार ब्रह्मा जी का पुत्र माना जाता है।
कुबेर जी यक्षों के स्वामी हैं। कुबेर जी उत्तर दिशा के दिक्पाल हैं और लोकपाल (संसार के रक्षक) भी हैं। इनके सौतेले छोटे भाई रावण, कुम्भकर्ण और विभीषण थे। इनको रावण के बाद असुरों का सम्राट बनाया गया।
रामायण काल से प्राप्त कथाओं के अनुसार कुबेर जी ने शंकर जी को प्रसन्न करने के लिए हिमालय पर घोर तपस्या की। तपस्या के दौरान कुबेर जी को भगवान शिव और माता पार्वती जी ने दर्शन दिए। कुबेर जी ने सात्विक और निर्मल दृष्टी से माता जी जो देखा परन्तु माता के दिव्य तेज़ के कारण उनकी बायां नेत्र भस्म हो गई।
भस्म हुआ नेत्र पीला पड़ गया। कुबेर जी ने वहां से दूर दूसरे स्थान पर जा कर तपस्या की और इस बार और भी घोर तपस्या की जिस से महादेव प्रसन्न हुए और उनको वरदान दिया, कि आज से आप एकाक्षीपिंगल कहलाओंगे। और तब से उनको एकाक्षीपिंगल नाम से भी जाना जाने लगा।
अन्य कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु जी को भी कुबेर जी से कर्ज लेना पड़ा था। जिस कर्ज को चुकाने के लिए आज भी लोग तिरुपति बाला जी के मंदिर में सोना चाँदी और हीरे इत्यादि चढाते हैं।
कुबेर का अन्य देवताओं से सम्बन्ध
कुबेर का भगवान शिव और लक्ष्मी माता जी से और अन्य प्रमुख देवताओं के साथ विशेष संबंध है। माना जाता है, कुबेर जी शिव के पुत्र हैं। यह सम्बन्ध देवताओं में उनके महत्व को रेखांकित करता है। धन और समृद्धि के ब्रह्मांडीय संतुलन में उनकी भूमिका को दिखाता है।
कुबेर प्रतिमा का चित्रण
पौराणिक कथाओं के अनुसार कुबेर जी के चित्र का जो चित्रण किया जाता है, उसमे कुबेर जी को धन से भरे पात्रों के साथ दिखाया जाता है। ये सब उनके भौतिक सुखों को देने वाले के रूप में दिखाता है।
कुबेर जी प्रतिमा से प्रतीत होता है की ये ही वो देवता है जो सांसारिक सुखों के साधन प्रदान करने वाले देवता हैं। इनकी कृपा से ही संसार के सभी भौतिक सुखों को प्राप्त किया जा सकता है।
कुबेर जी के प्रतीक और उनका अर्थ
सोने का बर्तन:- सोने का पात्र धन और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
कमल:- कमल का फूल पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।
नेवला:- नेवला अक्सर कला में दिखाया जाने वाला वह जीव है जो गरीबी पर विजय का प्रतीक है।
पूजा और अनुष्ठान
धन के देवता कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है।
भक्त कुबेर जी की पूजा (Kuber puja) नित्य रूप से अपने घरों में भी करते हैं। नित्य पूजा में स्वच्छ आसन पर लक्ष्मी गणेश जी के साथ कुबेर जी की प्रतिमा स्थापति की जाती है।
प्रति दिन सुबह धूप दीप और पुष्पों से इनका अर्चन किया जाता है। कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रार्थना और मंत्रों का जाप किया जाता है।
कुबेर मंत्र (Kuber Mantra)
यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्यधिपतये।
धन धान्य समृद्धिम् में देहि दापय स्वाहा।।
श्रीम् ह्रीं क्लीं श्रीम् क्लीं वितेश्वराय नमः।।
ह्रीं श्रीम् क्रिम् कुबेराय अष्ट लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय नमः।।
धन की वृद्धि हेतु उपाय
- घर में सम्पति रखने के स्थान में उत्तर-पूर्व भाग में श्री कुबेर यंत्र रखें।
- आपके घर की तिजोरी और धन से जुड़े सामान रखने का स्थान उत्तर की ओर हो।
- घर में धन धान्य की वृद्धि हेतु उत्तर पूर्व की दिशा को साफ़ और स्वच्छ रखें।
- भगवान कुबेर से संबंधित वास्तु परिवर्तन करने से व्यापार में वृद्धि होती है।
कुबेर की कृपा प्राप्ति के लिए आप vama द्वारा आयोजित व्यापार वृद्धि महाकुबेर यज्ञ में भाग लें, जिस से आपके कार्यों की रुकावट दूर होगी और आपके घर में धन की वर्षा होगी।