Panchak 2024 list : पंचक कब है? पंचक में क्या करें, क्या ना करें…

Panchak 2024: किसी भी कार्य की शुरुआत अच्छी होती है तो उसका अंत भी अच्छा होता है। इसके लिए सनातन परम्परा में पंचक का विशेष महत्व होता है।
आइए जानते हैं, इस साल पंचक कब है, पंचक क्या होता है और पंचक में क्या करें, क्या ना करें…
सबसे पहले जान लेते हैं, पंचक क्या होते हैं?
पंचक क्या होते हैं
भारतीय सनातन में किसी भी काम की शुरुआत शुभ समय का विचार कर के की जाती है। मुहूर्त का विचार कर के ही कार्य शुरू किया जाता है। जिस से कार्य की सफलता प्राप्त होती है। मुहूर्त में पंचक के दिनों का विचार जरुर किया जाता है।
पांच दिनों का समूह पंचक (Panchak) कहलाता है। पांच नक्षत्र जो पांच दिन लगातार रहते हैं। इनको पंचक नक्षत्र के नाम से भी जाना जाता है।

पंचक नक्षत्र कौन से हैं
धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती ये 5 नक्षत्र (पंचक नक्षत्र) कहलाते हैं। इनके अलग-अलग दिन से शुरू होने से इनके प्रभाव भी अलग-अलग देखे जाते हैं।
- सोमवार को शुरू होने वाले पंचक को राज पंचक कहा जाता है।
- मंगलवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहा जाता है।
- शुक्रवार से शुरू होने वाले को चोर पंचक कहा जाता है।
- शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है।
- रविवार को शुरू होने वाले पंचक रोग पंचक कहा जाता है।
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पंचक कब हैं
27 नक्षत्रों की संख्या में 5 नक्षत्र पंचक हैं। इस तरह लगभग हर 22 दिन बाद पंचक नक्षत्रों का आना तय है। इस तरह हर महीने में पंचक नक्षत्र आते हैं।
आइए जानते हैं, वर्ष 2024 में कब हैं पंचक नक्षत्र…
पंचक नक्षत्र लिस्ट 2024 (Panchak nakshatra list 2024)
| पंचक नक्षत्र प्रारंभ समय | पंचक नक्षत्र समाप्ति समय | ||
| वर्ष 2024 | समय- घंटे मिनट | वर्ष 2024 | समय- घंटे मिनट |
| 26 जून | 01:49 | 30 जून | 07:34 |
| 23 जुलाई | 09:20 | 27 जुलाई | 12:59 |
| 19 अगस्त | 18:59 | 23 अगस्त | 19:54 |
| 16 सितम्बर | 05:44 | 20 सितम्बर | 05:15 |
| 13 अक्टूबर | 15:44 | 17 अक्टूबर | 16:20 |
| 9 नवंबर | 23:27 | 14 नवंबर | 03:11 |
| 7 दिसंबर | 05:06 | 11 दिसंबर | 11:47 |
| 3 जनवरी 2025 | 10:47 | 07 जनवरी 2025 | 17:50 |
| 30 जनवरी 2025 | 18:45 | 03 फ़रवरी 2025 | 23:16 |
| 27 फ़रवरी 2025 | 04:37 | 03 मार्च 2025 | 06:39 |
| 26 मार्च 2025 | 15:14 | 30 मार्च 2025 | 16:34 |
पंचक में क्या करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी कार्य को करने के लिए मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। मुहूर्त का मुख्य हिस्सा पंचक नक्षत्र हैं। इन पंचक नक्षत्रों का अलग-अलग प्रभाव होता है। पंचक नक्षत्रों में कुछ कार्य शुभ फल देते हैं।
आइए जानते हैं पंचक नक्षत्र में क्या करें…
- पंचक नक्षत्र में नई दुकान की शुरुआत की जा सकती है।
- पंचक नक्षत्र में विवाह करना शुभ होता है।
- पंचक नक्षत्र में वाहन ख़रीदना भी शुभ होता है।
- पंचक नक्षत्र में लड़की से जुड़ा समान छोड़कर बाकी सब ख़रीदा जा सकता है।
पंचक में क्या ना करें
1- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी कार्य के लिए पंचक का विचार मुख्य रूप से किया जाता है। घर की छत नहीं बनाई जाती है।
2- पंचक के दिनों में किसी की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार के समय कुशा के 5 पुतले बना कर विधि पूर्वक पूजा कर के अंतिम संस्कार करें, अन्यथा घर में अन्य 5 मृत्यु होने का भय होता है।
3- पंचक में खाट बनाना अशुभ होता है।
4- पंचक के दिनों में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
5- पंचक के दिनों में बेटी या बहू को घर से विदा नहीं करना चाहिए। रस्ते में दुर्घटना का डर बना रहता है।
पंचक के बारे में कहा जाता है, कि इस समय में मुख्य रूप से लड़की संग्रह नहीं करना चाहिए। जैसा कि सब जाने हैं पहले लोग जंगलों से लकड़ी इक्कठा करने जाया करते थे।
पंचक का मुख्य तात्पर्य लकड़ी इक्कठी करने से है। इस समय में लकड़ी इक्कठी नहीं करनी चाहिए, जैसे- घर की चौखट जोड़ने में 3 लकड़ी जुडती हैं। घर की छत डालने में भी लकड़ियों का एकत्रीकरण होता है, तो इस लिए ऐसा भी नहीं किया जाता। इसके अलावा अंतिम संस्कार के समय भी चिता में लकड़ियाँ एक साथ राखी जाती हैं। इस लिए उनका संग्रह भी नहीं किया जाना चाहिए।
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