रिश्ते टूटने से कैसे बचाएं, यहां जानें कारण और निवारण

जब ठीक से कुंडली मिलान नहीं होता है, तो जीवन में कष्टों का रास्ता खुला जाता है। क्लेश, समझ की कमी, विवाद और अंत में तलाक की नौबत आ जाती है।

Tips to Save a Relationship: वैसे तो जीवन में बहुत से रिश्ते बनते हैं, परन्तु विवाह से बनने वाला रिश्ता जीवन में सबसे अधिक लम्बा चलने वाला रिश्ता होता है। इस रिश्ते को ठीक से चलाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुंडली मिलान का विधान है। 

जब ठीक से कुंडली मिलान नहीं होता है, तो जीवन में कष्टों का रास्ता खुलता है। क्लेश, समझ की कमी, विवाद, मन-मुटाव, दूरी और अंत में तलाक की नौबत आ जाती है। 

इस ब्लॉग में VAMA के ज्योतिषाचार्य आचार्य देव से इसके कारण और निवारण को जानते हैं। 

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तो आइए जानें, क्यों होता है कलेश, क्यों होता है तलाक, क्यों होता है विवाद? 

Tips to Save a Relationship

व्यस्त जीवन 

आज जीवन बहुत व्यस्त हो गया है जिसके कारण हम अपने निजी जीवन के लिए अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं। जिसके कारण वैवाहिक जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

ऐसे समय में हमें समझने की जरूरत है, कि हमारा पार्टनर हमारी समस्या को समझे और हमारा साथ दें। 

परन्तु आपसी समझ के अभाव के कारण ये समस्या अंत में तलाक तक चली जाती है। जिसके कारण बहुत से परिवार बर्बाद हो रहे हैं। 

घर में कलेश और मतभेद

दुनिया में कोई घर ऐसा नहीं जिस घर में कलेश या मतभेद ना हों। अपने काम में वयस्त होने के कारण कोई अपनी गलती नहीं समझना चाहता। उस समय दोनों का आत्मसम्मान बीच में आता है। कोई किसी तरह भी समझने को तैयार नहीं होता। परन्तु जब दोनों को बैठाकर समझया जाता है, तो उनको समझ भी आ जाता है।

ऐसी स्थिति में तलाक को रोका जा सकता है। परन्तु जब कोई भी बात को ना समझे तो उस स्थिति में तलाक को रोकना मुश्किल हो जाता है।

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पूजा का नाममंदिर (स्थान)
ऋण मुक्ति पूजाऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन)
शनि साढे़ सातीशनि शिंगणापुर देवस्थानम,महाराष्ट्र
लक्ष्मी कुबेर महायज्ञ और रुद्राभिषेकजागेश्वर कुबेर मंदिर ,अल्मोड़ा, उत्तराखंड
राहु ग्रह शांति पूजाजरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर ,प्रयागराज

आपसी समझ की कमी 

व्यस्त जीवन में ये ही समझा जाता है कि सामने वाला मेरी बात को समझ लेगा। परन्तु सामने वाला ना समझे तो विवाद पैदा होते हैं। कभी कभी अपनी समझ जैसा ही सामने वाले को समझा जाता है, वो मेरी बात का अभिप्राय समझ लेगा, ऐसा माना जाता है।

परन्तु जब समझ का अन्तर होता है, तो इसके कारण भी विवाद हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में भी बात तलाक तक पहुंच जाती है। क्योंकि दो लोगों की समझ हर बार एक जैसी ही रहे ये जरुरी नहीं होता। 

मतभेद का परिणाम तलाक

जब घरों में विवाद बढ़ने लगते हैं, तो तलाक होना निश्चित हो जाता है। ऐसे में किसी भी समस्या का जब कोई समाधान नहीं होता, तो तलाक होता है। परन्तु ये तलाक क्यों होता है।

इस विषय में जागरूक होने के लिए हमारे पास ज्योतिष शास्त्र का रास्ता है। जिससे पता लगाया जा सकता है कि किसका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा। जीवन में तलाक के योग हैं, या अच्छा जीवन चलेगा ऐसे निर्णय लिए जा सकते हैं। अगर किसी तरह की समस्या हो तो समय से उसका उपाय किया जा सकता है।

विवाह नियमों का पालन न होना

सनातन धर्म में हर विषय विशेष के लिए नियमों का विधान है। यहाँ शादी को 7 जन्मों का बंधन माना गया है। पूरी दुनिया ग्रहों के प्रभाव के अधीन है। पृथ्वी पर रहने वाले हम प्राणी भी ग्रहों के अधीन ही हैं।

हम सब पर ग्रहों का प्रभव पड़ता है। जिस पर ग्रहों का जैसा प्रभाव होता है, उसका स्वभाव भी वैसा ही होता है। ग्रहों के मित्र और शत्रु के सम्बन्धों से ये पता लगाया जा सकता है कि हमारा सम्बन्ध किस प्रकार के ग्रहों के अनुरूप ठीक रहेगा। 

इसी बात को ध्यान रखते हुए ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए कुण्डली मिलान के माध्यम से ग्रहों के मिलान का नियम बनाया गया है। 

ज्योतिष के अनुसार तलाक के योग

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली मिला कर शादी करने का नियम है। शादी से पहले किसी अच्छे ज्योतिष आचर्य से मिल कर, कुण्डली के अनुसार ग्रह स्थिति का मिलान करवा कर ही शादी का विचार करना चाहिए।

ग्रहों के आधार पर ही मनुष्य का स्वाभाव होता है। ग्रहों की मित्रता शत्रुता ही हमारे जीवन में मित्र और शत्रु पैदा करती है। 

  • सप्तम भाव पर क्रूर ग्रहों की दृष्टी होना 
  • सप्तम भाव में क्रूर गह्रों का होना
  • सप्तम भाव के स्वामी का 6, 8, 12, वें भाव में होना 
  • नवमांश कुण्डली में सप्तम भाव में क्रूर गह्रों का होना 
  • सप्तम भाव का 6 8 12 वें भाव के ग्रहों से संयोग होना 
  • सप्तम भाव के स्वामी का नीच में होना 
  • सूर्य, मंगल ग्रह की महादशा, अन्तर्दशा, प्रत्यंतदशा  में शादी होना 
  • शुभ मुहूर्त के अभाव में शादी करना
  • शास्त्र विरुद्ध नियम से शादी करना
  • सप्तम भाव के स्वामी का नीच में होना 

ये ही सब नियम हैं, जिनके आभाव में घर में क्लेश, झगड़े, समझ का अभाव, प्यार की कमी देखी जाती है। इन नियमों का पालन ठीक से हो तो जीवन में किसी तरह का कोई विवाद नहीं होता। सबका जीवन शान्ति से चलता है।

प्यार भरी अटखेलियों में और विवाद में फर्क होता है। जब अटखेलियाँ विवाद बन जाएँ, और विवाद तालक का रूप ले ले इसका पता नहीं लगता, इस लिए शादी के लिए ज्योतिष शास्त्र के नियमों का पालन करना चाहिए।

Tips to Save a Relationship

सुखद वैवाहिक जीवन के लिए ज्योतिषीय उपाय (Jyotish Tips)

  • नीले फूल जमीन में दबाना चाहिए
  • शिवपार्वती की पूजा करनी चाहिए
  • माता के विशेष मन्त्रों का जाप करें 
  • बहते पानी में पानीवाला नारियल अपने उपर से घुमा कर प्रवाहित करें 
  • मिट्टी की हांड़ी में 7 प्रकार के अन्नाज लेकर काले कपडे से बांध कर जल में प्रवाहित करें
  • अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने की कल्पना करते हुए सोयें। आपकी इच्छा शक्ति प्रबल होने से विवाद समाप्त किये जा सकते हैं 
  • जब कुण्डली में 2 या उस से अधिक विवाह का योग हो तो ऐसे क्रूर योग की शांति करवानी चाहिए
  • सप्तम भाव के स्वामी के लिए उपाय करने चाहिएं सबकी कुंडली अलग होने के कारण उपाय भी अलग अलग होते हैं 

कुंडली की स्थिति अलग अलग होने के कारण सबके लिए उपय अलग अलग बनते है। परन्तु याहं कुछ उपाय दिए गये हैं, जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी करने के लिए कुंडली मिलाने का नियम है। अष्टकूट मिलान के माध्यम से कुंडली के ग्रहों का मिलान करके ही शादी करने का नियम है।

परन्तु आज लव मैरिज के नाम पर नियमों का पालन नहीं हो पाता। जिसके परिणाम स्वरुप तलाक जैसी घटना आम बात हो गई हैं।

ऐसे ही ज्योतिष उपाय, शुभ मुहूर्त, राशिफल आदि जानने के लिए आज ही VAMA ऐप डाउनलोड करें।

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