Shukra Asta 2024: 25 अप्रैल के बाद शुक्र हो जाएंगे अस्त, जानें मांगलिक कार्य की नई तिथियां
Shukra Asta 2024: आकाशीय घटनाओं में ग्रहों का अस्त और उदित होना एक सामान्य घटना है लेकिन इसका प्रभाव धरती पर बहुत विशेष रूप से देखा जाता है।
अलग-अलग ग्रहों के उदय और अस्त होने से अलग-अलग प्रकार का प्रभाव होता है। ऐसे ही एक घटना 25 अप्रैल 2024 को शुक्र अस्त हो रहे हैं। इसके प्रभाव से अगले 66 दिनों तक मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे।
आपको बता दें, ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को एक महत्वपूर्ण तारा माना गया है। शुभ और मांगलिक कार्य करने से पहले शुक्र के उदित स्वरूप पर जरुर विचार किया जाता है।
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इस साल 25 अप्रैल, 2024 को शुक्र तारा अस्त हो रहा है। ऐसे में शुक्र के अस्त होने पर सभी मांगलिक काम बंद हो जाएंगे।
तो आइए, VAMA के इस ब्लॉग में शुक्र तारे के अस्त होने के प्रभाव को जानते हैं।
शुक्र अस्त 2024 डेट (Shukra Asta 2024 Date)
- शुक्र तारा 25 अप्रैल 2024 को सुबह 5 बजकर 19 मिनट पर अस्त हो जाएगा। इसके बाद शुक्र का उदय 29 जून 2024 को रात 7 बजकर 52 मिनट पर पर होगा।
- 25 अप्रैल 2024 को शुक्र अस्त हो रहे हैं जिनके अस्त होने से बहुत से काम रुक जाते हैं, शुक्र ग्रह के अस्त होने पर बहुत से ऐसे कार्य हैं जो नही किये जाने चाहिए।
- इस हिसाब से लगभग 66 दिनों के लिए विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, उद्यापन आदि मांगलिक कार्य पर रोक लग जाएगी।
- ऐसे में लोगों को मांगलिक कार्यों के लिए सही डेट का पता होना बहुत जरुरी है, क्योंकि किसी भी कार्य के करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त का बहुत महत्व बताया गया है, उसी शुभ मूहुर्त में किये हुए कार्य का पूर्ण फल मिलता है और कार्य सफल होते हैं।
शुक्र अस्त होने पर विवाह न करें
शुक्र के अस्त होने पर विवाह करना निषेध है, जीवन के वैवाहिक सुख के लिए शुक्र ग्रह का अनुकूल होना बहुत जरुरी है, इसलिए जब ऐसा ग्रह ही अस्त हो जिसके होने से वो सुख हमें मिलता है तो ऐसे समय में विवाह करना वर्जित माना जाता है।
ना करें नये घर में प्रवेश
जीवन में सब तरह के एश्वर्य देने वाले ग्रहों में शुक्र का विचार सबसे पहले किया जाता है, इसलिए जब शुक्र ग्रह अस्त हो तो ऐसे समय में नये घर में प्रवेश करना शुभ नहीं होता है।
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पूजा का नाम | मंदिर (स्थान) |
ऋण मुक्ति पूजा | ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (उज्जैन) |
माता कामाख्या महापूजा | माता कामाख्या शक्तिपीठ (गुवाहाटी) |
शनि साढे़ साती | शनि शिंगणापुर देवस्थानम,महाराष्ट्र |
लक्ष्मी कुबेर महायज्ञ और रुद्राभिषेक | जागेश्वर कुबेर मंदिर ,अल्मोड़ा, उत्तराखंड |
राहु ग्रह शांति पूजा | जरकुटिनाथेश्वर महादेव मंदिर ,प्रयागराज |
ना करें किसी नये कार्य की शुरुआत
शुक्र ग्रह को किसी भी व्यापार में उन्नति देने वाला भी कहा जाता है, शुक्र ग्रहों में सबसे शान्त और एश्वर्य देने वाले ग्रहों में से हैं इसलिए नये व्यपार शुरू करने में इसका विचार किया जाता है।
ऐसे ही महत्वपूर्ण ज्योतिष घटनाएं और शुभ मुहूर्त की जानकारी के लिए वामा ब्लॉग पढ़ें।