छठ पूजा (Chhath Puja) लोक आस्था का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व में भगवान सूर्य और छठी माता की उपासना की जाती है।
दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा (Laxmi pujan) विधि-विधान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां का कृपा बनी रहती है।
इस वर्ष धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन माता लक्ष्मी, गणेशजी, भगवान कुबेर, धन्वंतरि और यमराज जी की पूजा का विधान है।
संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं अहोई अष्टमी व्रत (ahoi ashtami vrat) रखती हैं। आइए यहां जानें, अहोई अष्टमी व्रत की संपूर्ण जानकारी और व्रत कथा
रक्षाबंधन की तरह भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रति स्नेह का त्योहार है। इसे दिवाली के दो दिन बाद द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
दिवाली के ठीक एक दिन बाद भगवान गोवर्धन की पूजा की जाती है। इस त्योहार को अन्नकूट और बाली प्रतिपदा के नाम से भी जाता है।
सनातन धर्म में करवाचौथ व्रत (karva chauth 2023) का विशेष महत्व है। इस व्रत को महिलाएं बड़े ही बेसब्री से इंतजार करती हैं।
हमारे देश में दिवाली की पूजा के कई विधि-विधान हैं, लेकिन कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण वस्तुओं के बिना मां लक्ष्मी की पूजा को अधूरा माना जाता है, ऐसी ही कुछ चीजों में हैं- खील और बताशा।
करवा चौथ महिलाओं का एक प्रमुख व्रत है। इस वर्ष करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत 1 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा।
सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2023) का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, दान और व्रत करना बहुत ही फलदायी माना जाता है।
नवरात्रि में नौवें दिन का विशेष महत्व होता है। इस दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा (maa siddhidatri puja vidhi) का विधान है।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में सातवें दिन की पूजा 21 अक्टूबर को संपन्न होगी। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा (Maa Kalratri Ki Puja) का विधान है।