अगर आपकी कुण्डली में भी काल सर्प दोष (kaal sarp dosh) है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। महादेव सभी कष्टों को हरने वाले हैं।
उत्तम विवाह योग सिद्धर्थम पूजा कराने से शादी की अनुकूल परिस्थितियां बनती है और शादी लंबे समय तक टिकी रहती है।
पौष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
सौंदर्य, ऐश्वर्या, सौभाग्य, वैभव, शक्ति, समृद्धि, स्त्रीत्व और संतान की देवी, जगदम्बा, और करुणा की देवी महालक्ष्मी जी को कहते हैं।
सोमवार का दिन भगवान शंकर को अत्यंत प्रिय है इसलिए भगवान शंकर की कृपा प्राप्ति के लिए सोमवार का व्रत (Somvar Vrat) किया जाता है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) की विशेष महत्ता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शनि शांति पूजा (Shani Shanti Puja) करने से जीवन के कष्टों का अंत और जीवन में उर्जा का संचार होता है। इससे शनि देव जीवन में आ रही सभी बाधाएं और भयंकर बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं।
अगर आपको संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है या कुण्डली दोष के कारण सन्तान प्राप्ति में देरी हो रही है, तो आपको बाल गोपाल संतान प्राप्ति पूजा में अवश्य भाग लेना चाहिए।
संकष्टी चतुर्थी व्रत (Sankashti Chaturthi Vrat) को संकट हरने वाला व्रत माना गया है। भक्तों के बीच इस व्रत का विशेष महत्व है।
शुक्ल पक्ष में चंद्रमा की रोशनी बढ़ने के साथ पूर्णिमा तिथि पर ये शुक्ल पक्ष पूर्ण होता है, और चंद्रमा की रोशनी घटनी शुरू होती है। आकाश में चंद्रमा के पूर्ण आभाव होने पर अमावस्या तिथि होती है।
कुबेर ही हैं धन के देवता, जो करते हैं धन की कमी को दूर और कर्जों से मुक्ति, जाने कुबेर पूजा विधि और मंत्र...
गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से 10 महाविद्या की पूजा की जाती है। इसके प्रभाव से कर्ज, शत्रु, रोजगार, विद्या, सन्तान और भूत-प्रेत आदि जैसी हर बाधा का समाधान होता है। जानें कब से है गुप्त नवरात्रि 2024..