संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं अहोई अष्टमी व्रत (ahoi ashtami vrat) रखती हैं। आइए यहां जानें, अहोई अष्टमी व्रत की संपूर्ण जानकारी और व्रत कथा
रक्षाबंधन की तरह भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रति स्नेह का त्योहार है। इसे दिवाली के दो दिन बाद द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
दिवाली के ठीक एक दिन बाद भगवान गोवर्धन की पूजा की जाती है। इस त्योहार को अन्नकूट और बाली प्रतिपदा के नाम से भी जाता है।
सनातन धर्म में करवाचौथ व्रत (karva chauth 2023) का विशेष महत्व है। इस व्रत को महिलाएं बड़े ही बेसब्री से इंतजार करती हैं।
हमारे देश में दिवाली की पूजा के कई विधि-विधान हैं, लेकिन कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण वस्तुओं के बिना मां लक्ष्मी की पूजा को अधूरा माना जाता है, ऐसी ही कुछ चीजों में हैं- खील और बताशा।